Who is Argentina new President Javier Milei: अर्जेंटीना में राष्ट्रपति पद के लिए रविवार को हुए चुनाव में दक्षिणपंथी नेता जेवियर मिलई को 55.8 प्रतिशत वोट मिले। इसके साथ ही वे अर्जेंटीना के अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उनके प्रतिद्वंदी सर्जियो मासा को 44.2 वोट प्राप्त हुए हैं। जेवियर अर्जेंटीना की पार्टी ला लिबर्टाड अवान्जा के नेता हैं। उन्होंने चुनाव के दौरान मतदाताओं से वादा किया था कि आर्थिक संकट से जूझ रहे अर्जेंटीना में वह बड़े पैमाने पर बदलाव करेंगे। इसके साथ ही मिलई ने राजनीतिक सुधार करने का भी वादा किया था।
Javier Milei vows a 15 percent cut in public spending and the abolition of the central bank to address high inflation and record poverty rates https://t.co/3lDhIGzU6g pic.twitter.com/OVHoJGuXHe
---विज्ञापन---— Al Jazeera English (@AJEnglish) November 20, 2023
डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक
सर्जियो मासा पेरोनिस्ट मूवमेंट की ओर से चुनाव मैदान में थे। उनकी पार्टी बीते 16 सालों से देश में शासन कर रही थी। चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद मासा ने अपने बयान में कहा कि अर्जेंटीना के लोगों ने दूसरा रास्ता चुना है। मासा ने कहा कि वे सक्रिय राजनीति से जल्द ही रिटायर हो जाएंगे। बता दें कि जेवियर एक दक्षिण पंथी नेता हैं और वे अमेरिका के पूर्व प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। वहीं जीत के बाद मिलई ने कहा कि आज से अर्जेंटीना का पुननिर्माण शुरू होने जा रहा है। आज का दिन अर्जेंटीना के लिए ऐतिहासिक है।
दिसंबर में लेंगे शपथ
बता दें कि नए प्रेसिडेंट जेवियर मिलई का जन्म 1970 को ब्यूनर आयर्स में हुआ था। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ बेलग्रानो से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई की इसके बाद अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की। राजनीति में आने से पहले वे कई विश्वविद्यालयों में पढ़ा चुके हैं मिलई ने राजनीति पर कई किताबें भी लिखी हैं। मिलई ने चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय बैंक को खत्म करने और आर्थिक ढांचे में परिवर्तन का वादा किया था। इसके अलावा मिलई ने देश में गरीब मिटाने और देश की साख वापस लौटाने का भी वादा किया था। मिलई 10 दिसंबर 2023 को अर्जेंटीना के नए प्रेसिडेंट की शपथ लेंगे।
अबाॅर्शन को मानते हैं गलत
मिलई अबाॅर्शन के पुरजोर विरोधी रहे हैं। यहां तक कि वे बलात्कार के मामलों में भी अबाॅर्शन को गलत मानते हैं। उन्होंने अपने चुनावी अभियान में गर्भपात को वैध बनाने वाले 2020 के कानून पर जनमत संग्रह कराने की बात कही थी। इसके अलावा मिलई सेक्स एजुकेशन के कटु आलोचक रहे हैं। उन्होंने इसे ब्रेनवाॅशिंग का जरिया बताया हैं उन्होंने कहा कि सेक्स एजुकेशन से मानव अंगों की तस्करी को बढ़ावा मिलता है।