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Donald Trump का बड़ा फैसला, अमेरिका की आधिकारिक भाषा होगी अंग्रेजी

Donald Trump: अमेरिका में 250 साल बाद एक बड़ा बदलाव हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा घोषित कर दिया है। अब सरकारी दस्तावेज, दफ्तर और सेवाएं सिर्फ अंग्रेजी में ही होंगी। इससे लाखों प्रवासियों को मुश्किलें हो सकती हैं, लेकिन क्या यह राष्ट्रीय एकता को मजबूत करेगा? आइए जानते हैं...

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Mar 2, 2025 11:32
donald trump
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Donald Trump: अमेरिका में 250 साल के इतिहास में पहली बार अंग्रेजी को आधिकारिक भाषा घोषित कर दिया गया है। अब सरकारी दफ्तरों, दस्तावेजों और सेवाओं में सिर्फ अंग्रेजी का ही इस्तेमाल होगा। स्पेनिश, चीनी और अन्य भाषाओं में अनुवाद की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। लाखों प्रवासियों और गैर-अंग्रेजी भाषी नागरिकों के लिए यह एक बड़ा झटका हो सकता है। क्या यह फैसला राष्ट्रीय एकता को मजबूत करेगा या मुश्किलें बढ़ाएगा? आइए जानते हैं…

अमेरिका में पहली बार अंग्रेजी बनी आधिकारिक भाषा

अमेरिका की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी घोषित कर दी गई है। इस फैसले के तहत अब सरकारी एजेंसियों को सभी आधिकारिक कार्य केवल अंग्रेजी में करने होंगे। पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के 2000 के आदेश को हटाकर यह बदलाव किया गया है, जिसमें सरकारी सेवाओं को कई भाषाओं में उपलब्ध कराने की व्यवस्था थी। नए आदेश से गैर-अंग्रेजी भाषी नागरिकों को सरकारी सेवाएं और महत्वपूर्ण दस्तावेज समझने में कठिनाई हो सकती है।

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गैर-अंग्रेजी भाषी नागरिकों को हो सकती है परेशानी

इस आदेश के लागू होने से लाखों लोगों पर असर पड़ेगा जो स्पेनिश, चीनी, टैगालोग जैसी भाषाओं का उपयोग करते हैं। पहले सरकारी दस्तावेज और सेवाएं कई भाषाओं में मिलती थीं, ताकि सभी नागरिक आसानी से सरकारी सुविधाओं का लाभ ले सकें। लेकिन अब अनुवाद की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी, जिससे स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और कानूनी सेवाओं तक पहुंच पाना गैर-अंग्रेजी भाषी लोगों के लिए कठिन हो सकता है।

ट्रंप का पुराना वादा हुआ पूरा

डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला उनके पुराने चुनावी वादों में से एक था, जिसे कई अमेरिकी नेता लंबे समय से लागू करने की कोशिश कर रहे थे। अमेरिका के 30 से ज्यादा राज्यों ने पहले ही अंग्रेजी को अपनी आधिकारिक भाषा बना रखा है, लेकिन ट्रंप के इस नए आदेश के बाद अब पूरे देश में सरकारी कामकाज सिर्फ अंग्रेजी में ही होगा। 2022 की जनगणना के अनुसार, 1980 के बाद से गैर-अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है, और अब हर दस में से एक अमेरिकी घर में कोई दूसरी भाषा बोलता है। इससे प्रवासी समुदायों, खासकर स्पेनिश, चीनी और फ्रेंच बोलने वालों पर असर पड़ सकता है। समर्थकों का मानना है कि इससे राष्ट्रीय एकता बढ़ेगी और अप्रवासियों को अंग्रेजी सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह नीति अमेरिका की भाषाई विविधता को नजरअंदाज करती है और कई लोगों के लिए सरकारी सेवाएं पाना मुश्किल बना सकती है।

नए आदेश पर कानूनी विवाद की संभावना

इस फैसले को लेकर कानूनी विवाद खड़े हो सकते हैं, क्योंकि कई नागरिक अधिकार समूह और गैर-अंग्रेजी भाषी लोगों के हितों की रक्षा करने वाले संगठन इसे अदालत में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। आलोचक इसे संविधान के पहले संशोधन के खिलाफ बता रहे हैं, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है और किसी एक भाषा तक सीमित नहीं है। लीग ऑफ यूनाइटेड लैटिन अमेरिकन सिटीजन्स के अध्यक्ष रोमन पालोमार्स का कहना है कि अमेरिका की असली ताकत इसकी भाषाई और सांस्कृतिक विविधता में है। इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने 2017 में व्हाइट हाउस की स्पेनिश वेबसाइट हटा दी थी, जिसे जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद दोबारा शुरू किया गया था, लेकिन अब ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद यह वेबसाइट फिर से हटा दी गई है। यह स्पष्ट नहीं है कि इसे दोबारा बहाल किया जाएगा या नहीं। इस फैसले को लेकर बहस तेज हो सकती है कि यह राष्ट्रीय एकता को मजबूत करेगा या लाखों अमेरिकियों के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा।

 

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Mar 02, 2025 09:30 AM

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