अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत पाकिस्तान में सीजफायर कराने का क्रेडिट लिया है। फॉक्स न्यूज से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि बहुत बड़ी सफलता है, लेकिन इसका क्रेडिट मुझे कभी नहीं दिया जाएगा। अमेरिका के दखल की वजह से दुनिया और भारत-पाक परमाणु युद्ध से बचे। दोनों देशों के बीच नफरत बहुत है और इस बार तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था कि रिजल्ट परमाणु युद्ध ही होता। बेशक ट्रंप समझौता कराने का क्रेडिट ले रहे हैं, लेकिन भारत सरकार ट्रंप के दावे को नहीं मान रही, बल्कि सरकार का कहना है कि भारत पाकिस्तान के DGMO की बातीचत से सीजफायर हुआ है।
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— Khushbu Goyal (@kgoyal466) May 17, 2025
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भारत का तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार
बता दें कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए किसी तीसरे पक्ष के दखल से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल कह चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को आपस में बात करके सुलझा सकते हैं। ट्रंप ने एक ट्वीट लिखकर दोनों देशों को कश्मीर मुद्दा सुलझाने में मदद का ऑफर दिया था, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ विवाद सुलझाने के लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान के साथ सीजफायर भारत ने आपसी बातचीत करके ही किया है। मामले में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही।
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4 दिन के सैन्य संघर्ष के बाद हुआ सीजफायर
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। पाकिस्तान और POK में एयर स्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए थे। एयर स्ट्राइक के विरोध में पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन मिसाइल अटैक किए। बॉर्डर से सटे 4 राज्यों पंजाब, राजस्थान, जम्मू कश्मीर और गुजरात को पाकिस्तान ने निशाना बनाया।
7 मई से 10 मई तक भारत पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष चला। 10 मई को दोनों देशों के DGMO की बातचीत के बाद सीजफायर हो गया। इसी सीजफायर का क्रेडिट डोनाल्ड ट्रंप ले रहे है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल अकाउंट पर ट्वीट लिखकर भारत पाकिस्तान में सीजफायर होने की बात दुनिया को बताई थी, लेकिन सीजफायर कराने का क्रेडिट खुद को और अमेरिका की दोनों देशों से लंबी बातचीत को दिया था।
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