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क्या है ट्रंप टैरिफ विवाद का भविष्य, भारत के पास बचाव के 4 रास्ते, 50% Tariff का कैसे पड़ेगा असर?

Trump Tarrifs Impact: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर जो 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, उससे भारत पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ेंगे, लेकिन नकारात्मक असर देश की अर्थव्यवस्था और GDP को प्रभावित करेगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 17, 2025 22:35
Trump Tarrifs | Donald Trump | US India Relations
राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते टैरिफ के कारण खराब हो रहे हैं।

Trump Tariff Inside Story: अमेरिका ने भारत से आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। पहले एक अगस्त को 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, फिर 6 दिन बाद 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ पेनल्टी के तौर पर लगा दिया गया। अब कुल 50 प्रतिशत टैरिफ 27 अगस्त 2025 से प्रभावी हो जाएगा। 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भारत की रूसी तेल की खरीद और रूस एवं ब्रिक्स से संबंधों के कारण लगाया गया है। यह कदम अमेरिका-भारत संबंधों में तनाव पैदा कर रहा है, क्योंकि ट्रंप ने टैरिफ विवाद के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए छठे दौर की वार्ता से भी इनकार कर दिया है।

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टैरिफ से यह सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा

ट्रंप का 50 प्रतिशत टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव डालेगा। सकारात्मक पक्ष यह है कि टैरिफ भारत को बाजार विविधीकरण और घरेलू सुधारों की ओर धकेल सकता है, क्योंकि फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे एप्पल की भारत में मैन्युफैक्चरिंग पर टैरिफ नहीं लगेगा, जिससे नुकसान सीमित रहेगा। भारत यूरोप, ASEAN, अफ्रीका, मध्य पूर्व, और लैटिन अमेरिका जैसे बाजारों की ओर मुड़ सकता है, लेकिन यह तरीका समय लेने वाला हो सकता है, क्योंकि नए बाजारों में भारत को अपनी पैठ बनाने में समय लग सकता है।

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टैरिफ से यह नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा

50 प्रतिशत टैरिफ का भारत पर आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पड़ेगा। भारत के टेक्सटाइल, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य इंडस्ट्रियों पर असर पड़ेगा। भारत की अर्थव्यवस्था, रोजगार और वैश्विक व्यापार पर असर पड़ेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, भारत ने अमेरिका को साल 2024 में 87.4 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जो कुल निर्यात का 18% है, लेकिन 50 प्रतिशत टैरिफ के बाद निर्यात में 50% तक की कमी आ सकती है। भारत की GDP और आर्थिक विकास पर भी 50 प्रतिशत टैरिफ का असर पड़ेगा।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जहां 20% निर्यात होता है, जो कुल GDP का 2% है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि टैरिफ से GDP में मामूली गिरावट आएगी, रुपये में कमजोरी बढ़ेगी और मुद्रा अस्थिरता से विदेशी निवेश प्रभावित होगा। प्रधानमंत्री मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ को झटका लगेगा। फुटवियर इंडस्ट्री को मिलने वाले नए ऑर्डर रुक जाएंगे। भारतीय सामान महंगा होने से अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा कम होगी और रोजगार प्रभावित होगा। इक्विटी बाजार पर असर पड़ेगा। ब्रिक्स और रूस से संबंधों पर दबाव बढ़ेगा।

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भारत के पास क्या विकल्प हैं?

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, टैरिफ से होने वाले नुकसान से बचने के लिए भारत के पास बातचीत का रास्ता है। भारत रूस से तेल आयात रोक सकता है या सैन्य खरीद कम कर सकता है, जिससे टैरिफ से छूट मिल सकती है। अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाकर प्रतिशोध ले सकता है, लेकिन इससे व्यापार युद्ध बढ़ सकता है।

बाजार विविधीकरण प्रक्रिया के तहत नए बाजारों पर फोकस कर सकता है। आक्रामक व्यापार कूटनीति अपनाकर सरकारी समर्थन देकर प्रभावित सेक्टरों को सब्सिडी जैसी आर्थिक मदद दे सकता है। कुल मिलाकर, यदि अमेरिका के साथ साथ भारत का कोई समझौता नहीं हुआ तो भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा और नई मार्केट तलाशने से अर्थव्यवस्था मजबूत होने में लंबा समय लग सकता है।

टैरिफ से प्रभावित सेक्टरों का विवरण इस प्रकार है:

सेक्टरप्रभाव का स्तरकारण और अनुमानित नुकसान
रत्न और आभूषण (Gems & Jewellery)उच्च50-70% निर्यात गिरावट; अमेरिका प्रमुख बाजार।
परिधान और कपड़ा (Apparel & Textiles)उच्चऑर्डर रद्द होने की आशंका; 50-70% प्रभाव।
रसायन और ऑर्गेनिक केमिकल्स (Chemicals)मध्यम-उच्चनिर्यात में 50% तक कमी।
फुटवियर (Footwear)उच्चनए प्रोजेक्ट रुकना; अमेरिका पर 60% निर्भरता।
झींगा और समुद्री उत्पाद (Shrimp)मध्यम50-70% प्रभाव।
फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स (Pharma & Electronics)कम/छूटकोई टैरिफ नहीं; सकारात्मक रह सकता है।

First published on: Aug 17, 2025 07:41 PM

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