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समंदर में मिलीं 171 साल पुरानी 1000 शैंपेन की बोतलें, 40 गोताखोरों ने खोजा जहाज का मलबा

Champagne Bottles Under Sea Water: समुद्र की गहराई में एक जहाज का मलबा मिला है, जो शैंपेन और पानी की बोतलों से भरा है। गोतोखोरों ने मलबे को तलाशा है और वैज्ञानिकों को इस बारे में बता दिया गया है, जिन्होंने रिसर्च भी शुरू कर दी है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jul 27, 2024 11:05
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Shipwreck With Champagne Bottles In Baltic Sea
Shipwreck With Champagne Bottles In Baltic Sea

Treasure Discovered From Ocean: समुद्र की गहराई में खजाना मिला है। 171 साल पहले डूबे जहाज का मलबा मिला है, जो अनमोल चीजों से भरा है। इन चीजों में एक शैंपेन की बोतलें भी हैं। एक नहीं हजारों बोतलें हैं। पानी की बोतलें और चीनी मिट्टी के बर्तन भी हैं, जो ठीक हालत में दिख रही हैं। ब्रिटेन के 40 गोतोखोरों ने स्वीडन में बाल्टिक सागर की गहराई में करीब 190 फीट नीचे मलबा मिला है, जिसकी सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात कर दी गई है। माना जा रहा है कि यह जहाज रूसी जार निकोलस प्रथम के राज्य में जा रहा था, लेकिन 1852 में यह समुद्र में डूब गया। गोतोखोरों ने गत 11 जुलाई को ओलैंड द्वीप के दक्षिण में लगभग 20 समुद्री मील की दूरी पर मलबे को देखा और इसकी जांच की।

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पानी जिस ब्रांड का, वह कंपनी आज भी है

बाल्टिकटेक डाइविंग ग्रुप का नेतृत्व करने वाले टॉमस स्टाचुरा बताते हें कि 2 गोताखोर डाइविंग कर रहे थे और वे करीब 2 घंटे तक वहीं रहे। इस दौरान उन्होंने तलहटी में जहाज का मलबा देखा। उन्होंने इस बारे में कंपनी को बताया तो करीब 40 गोताखोरों को तलाश के लिए भेजा गया, जिन्हें जहाज का मलबा देखा। इस जहाज पर ही सेल्टर्स नामक जर्मन ब्रांड की मिनरल वाटर की बोतलें मिलीं। 19वीं सदी का यह जहाज अच्छी हालत में है। शैंपेन और पानी की बोतलें टोकरियों में भरी थी। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जिस मिट्टी के बर्तन बनाने वाली फैक्ट्री में पानी की बोतलें बनाई गई थीं, वह कंपनी आज भी अस्तित्व में है, जिससे संपर्क करके कंफर्म किया जा रहा है कि पानी उनकी कंपनी का है।

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शैंपेन के ब्रांड का अभी पता नहीं चला

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने मिट्टी की जांच की तो पता चला कि जहाज 1850 से 1867 के बीच का है। वहीं जहाज में शैंपेन और पानी की बोतलें इसलिए भरी थीं, क्योंकि उन दिनों मिनरल वाटर को दवाई की तरह माना जाता था। इसे केवल राजाओं को खाने के साथ परोसा जाता था। तब इस पानी की कीमत इतनी थी कि उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए पुलिस तैनात की जाती थी। गोतोखोरों के अनुसार, उन्होंने स्वीडिश अधिकारियों को इस खोज के बारे में बता दिया है। जहाज में भरे सामान को निकालने में करीब एक साल लग सकता है। पत्थर से बनी बोतलों पर मिनरल वाटर का ब्रांड, सेल्टर्स, अंकित था। शैम्पेन का ब्रांड अभी तय होना बाकी है, लेकिन एक कॉर्क पर अक्षर R छपा है।

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HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Jul 27, 2024 10:55 AM

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