Artificial Titanium Heart Plant: आर्टिफिशियल हार्ट ट्रांसप्लांट में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। टेक्सस हार्ट इंस्टिट्यूट (THI) ने टाइटेनियम का दिल तैयार किया है। अमेरिकी खाद्य एंव औषधि प्रशासन (FDA) की निगरानी में इस अध्ययन को सफल बनाया गया है।
नॉर्मल दिल की तरह करेगा काम
THI के अनुसार टाइटेनियम से बना दिल खून को पंप करने मददगार होता है। इसमें चुंबकीय तत्व मौजूद रहते हैं, जो नॉर्मल हार्ट की तरह शरीर के बाकी हिस्सों में खून के संचार को बेहतर बनाता है। टाइटेनियम से बना आर्टिफिशियल हार्ट 12 लीटर प्रति मिनट की दर से ब्लड पंप करता है, जो एक अडल्ट को जिंदा रखने के लिए पर्याप्त है।
10 साल में पूरा हुआ प्रोजेक्ट
इस टाइटेनियम हार्ट को BiVACOR ने तैयार किया है। ये तकनीकी किसी तेज रफ्तार रेलवे लाइन की तरह काम करती है। BiVACOR साल 2013 से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। 10 साल के कड़े प्रयासों के बाद BiVACOR को इसमें सफलता मिली है। टाइटेनियम का दिल लगाने से कोई फिक्शन नहीं होता है और इसके खराब होने की संभावना कम होती है, जिससे शख्स कई सालों तक जिंदा रह सकता है।
BiVACOR ने दिया बयान
टाइटेनियम हार्ट को चार्ज करने के लिए एक छोटे रिचार्जेबल कंट्रोलर की जरूरत पड़ती है। वहीं एक बार चार्ज करने के बाद ये कई घंटे तक काम कर सकता है। BiVACOR के संस्थापक डैनियल टिम्स का कहना है कि हमने अपने पहले मरीज, उनके परिवार के साहस, अपनी टीम की लगन और एक्सपर्ट्स के सहयोग की वजह से ये उपलब्धि हासिल की है।
आखिरी ट्रायर बाकी
डैनियल टिम्स के अनुसार टाइटेनियम हार्ट का आखिरी चरण का ट्रायल अभी बाकी है। ऐसे में टाइटेनियम हार्ट को अभी हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। वहीं अगले चरण का ट्रायल सफल होने के बाद इसे आर्टिफिशियल हार्ट के रूप में यूज किया जा सकेगा। हालांकि जो लोग पर्मानेंट हार्ट सर्जरी का इंतजार कर रहे हैं, ये हार्ट ट्रांसप्लांट उन्हीं के लिए होगा।
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