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कौन हैं सीमा नूरज़ादेह, जो तालिबान राज में चला रही शादी की एजेंसी, संवार रही महिलाओं की जिंदगी

Taliban Marriage Bureau Owner Success Story: काबुल के अफगानिस्तान में वैसे तो महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां हैं। इन्हीं के बीच एक महिला उद्यमी ऐसी हैं जो सभी चुनौतियों का सामना करते हुए कई महिलाओं की ज़िंदगी बदल रही हैं। ये हैं सीमा नूरज़ादेह, जोकि तालिबान राज में तमाम पाबंदियों के बीच भी कमाल […]

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Oct 3, 2023 19:10
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Taliban Girls

Taliban Marriage Bureau Owner Success Story: काबुल के अफगानिस्तान में वैसे तो महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां हैं। इन्हीं के बीच एक महिला उद्यमी ऐसी हैं जो सभी चुनौतियों का सामना करते हुए कई महिलाओं की ज़िंदगी बदल रही हैं। ये हैं सीमा नूरज़ादेह, जोकि तालिबान राज में तमाम पाबंदियों के बीच भी कमाल का काम कर रही हैं। सीमा नूरज़ादेह ने ख़ामा प्रेस को बताया कि उन्होंने एक शादी कराने वाली एजेंसी खड़ी की है जो बीते 7 साल से अफगानिस्तान में काम कर रहीं हैं और इस काम को अंजाम देने के लिए उन्होंने महिलाओं की टीम बनाई हैं।

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महिलाओं की बेरोजगारी एक बड़ी समस्या

एक रिपोर्ट के अनुसार, खामा प्रेस ने कहा कि महिलाओं की बेरोजगारी से निपटने से न केवल लाखों लोगों की समस्याएं दूर होंगी, बल्कि समाज की सुख समृद्धि भी बढ़ेगी। हेरात में मैरिज ब्यूरो के प्रबंधक के रूप में काम करने, लोगों की आवाजाही की स्वतंत्रता पर बंधनों और उनके प्रभाव की ओर इशारा करते हुए उन्होंने अन्य महिलाओं से फूलों की सजावट और सिलाई जैसे क्षेत्रों में काम करने को भी कहा था, लेकिन तालिबानी आदेशों के कारण वे बेरोजगार हैं।

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महिलाओं के काम पर रोक लगने से हजारों लोगों ने रोजगार खोया

खामा ने कहा कि एक महिला जमीला अमीरी अन्य लड़कियों को आगे लाने और महिलाओं का साथ देने के लिए उन्हें कई अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करती है। पाबंदियों के बावजूद उन्हें घर से बाहर काम करने में मजा आता है। वह परिवार की एकमात्र आय देने वाली औरत के रूप में काम करती हैं, जबकि अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के तहत श्रम और शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के काम करने पर रोक लगने से हजारों लोगों ने अपना रोजगार खो दिया है।

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लड़कियों के स्कूल जाने पर लगी रोक को 2 साल बीत गए

संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट के अनुसार, महिलाओं पर अफगानिस्तान के बंधनों के कारण 60 हजार से अधिक महिलाओं ने नौकरियां खो दी हैं। 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से अफगानिस्तान की महिलाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जहां देश में लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा, रोजगार और सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच नहीं है। वहीं केयर इंटरनेशनल की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल जाने वाली उम्र की 80 प्रतिशत अफगान लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक है।

अफगानिस्तान में छठी कक्षा से ऊपर की लड़कियों के स्कूलों में जाने पर रोक लगाए हुए 2 साल से अधिक समय हो गया है और यह भी नहीं कहा जा सकता है कि उनके स्कूल जाने के दरवाजे कब फिर से खुलेंगे।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Oct 03, 2023 07:08 PM

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