ED की कार्रवाई में बड़ा कदम सामने आया है. इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर रियल एस्टेट कंपनी SRS ग्रुप के सह-संस्थापक और प्रमोटर प्रवीन कुमार कपूर को अमेरिकी अधिकारियों ने भारत प्रत्यर्पित कर दिया है.
सूत्रों के मुताबिक, कपूर को अमेरिका के न्यूर्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एंट्री से मना कर दिया गया और उसका B1/B2 वीजा रद्द कर दिया गया. इसके बाद उसे 02 नवंबर 2025 को नई दिल्ली वापस भेज दिया गया, जहां ईडी के गुरुग्राम जोनल ऑफिस द्वारा जारी लुकआउट सर्कुलर (LOC) के आधार पर संबंधित एजेंसियों ने उसे हिरासत में ले लिया.
ईडी ने SRS ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी, जो कि दिल्ली, फरीदाबाद और सीबीआई में दर्ज 81FIRs पर आधारित है. कंपनी पर निवेशकों और बैंकों को लगभग ₹2200 करोड़ का चूना लगाने का आरोप है.
जांच में सामने आया कि SRS ग्रुप के प्रमोटरों ने निवेशकों को ऊंचे मुनाफे और हाउसिंग-प्रोजेक्ट्स में शानदार रिटर्न का लालच दिया. निवेश के पैसे को सैकड़ों फर्जी कंपनियों (shell companies) में ट्रांसफर किया गया और फिर उसे धोकर बाहर भेज दिया गया (मनी लॉन्ड्रिंग). इस केस में अब तक ₹2215.98 करोड़ की संपत्तियां ईडी ने अटैच (जप्त) कर ली हैं.
प्रवीन कुमार कपूर के अलावा कंपनी के दो अन्य डायरेक्टर जीतेन्द्र कुमार गर्ग और सुनील जिंदल भी लंबे समय से फरार है. तीनों के खिलाफ गुरुग्राम स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में ईडी ने प्रॉसिक्यूशन कम्प्लेंट दाखिल की है, जिस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिए थे. इसके बाद कपूर को घोषित अपराधी (Proclaimed Offender) घोषित कर दिया गया था.
ईडी ने तीनों फरार आरोपियों कपूर, गर्ग और जिंदल को फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर (FEO) घोषित करवाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. एजेंसी अब अन्य फरार डायरेक्टर्स की वापसी और प्रत्यर्पण की दिशा में काम कर रही है.










