SpaceX Starship: इंसानों को चंद्रमा और मंगल ग्रह पर भेजने के लिए बनाया गया दुनिया का सबसे बड़ा और ताकतवर रॉकेट गुरुवार को लॉन्चिंग के बाद आसमान में फट गया। इसे भारतीय समयानुसार गुरुवार शाम सात बजे टेक्सास के बोका चिका में प्राइवेट स्पेसएक्स स्पेसपोर्ट स्टारबेस से लॉन्च किया गया था। असफलता के बावजूद स्पेसएक्स कंपनी ने वैज्ञानिकों का उत्साह बढ़ाया है।
एलन मस्क के स्वामित्व वाली कंपनी स्पेसएक्स ने ट्वीट कर कहा कि स्टारशिप के पहले फ्लाइट टेस्ट के लिए पूरी टीम को बधाई। टीम डेटा रिव्यू करना जारी रखेगी और अगले फ्लाइट टेस्ट की दिशा में काम करेगी। यह भी कहा कि रॉकेट का लॉन्चपैड से उड़ना ही बड़ी सफलता थी।
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With a test like this, success comes from what we learn, and today’s test will help us improve Starship’s reliability as SpaceX seeks to make life multi-planetary
---विज्ञापन---— SpaceX (@SpaceX) April 20, 2023
हमें सीखने को मिला मौका, आगे सफलता भी मिलेगी
स्पेसएक्स कंपनी ने कहा कि आज की लॉन्चिंग रोमांचित करने वाली नहीं थी। लेकिन इस तरह के परीक्षण से हमें आगे सफलता में मदद मिलेगी। आज का परीक्षण हमें स्टारशिप की विश्वसनीयता में सुधार करने में मदद करेगा, क्योंकि स्पेसएक्स जीवन को बहु-ग्रहीय बनाना चाहता है।
देखिए लॉन्चिंग और धमाके दो अलग-अलग VIDEO…
Liftoff of Starship! pic.twitter.com/4t8mRP37Gp
— SpaceX (@SpaceX) April 20, 2023
क्यों हुआ विस्फोट?
दरअसल, स्टारशिप कैप्सूल को उड़ान के तीन मिनट के पहले चरण में रॉकेट बूस्टर से अलग हो जाना चाहिए था। लेकिन अलगाव नहीं हो पाया और रॉकेट में विस्फोट हो गया। जिस वक्त विस्फोट हुआ, रॉकेट 33 किमी की ऊंचाई पर था।
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Starship Super Heavy has experienced an anomaly before stage separation! 💥 pic.twitter.com/MVw0bonkTi
— Primal Space (@thePrimalSpace) April 20, 2023
जानिए कितना बड़ा था रॉकेट?
स्टारशिप चंद्रमा, मंगल और उससे आगे के ग्रहों पर इंसानों को भेजने के लिए बनाया गया दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट था। इसकी ऊंचाई 394 फीट, व्यास 29.5 फीट है। यह रॉकेट दो हिस्सों में बंटा है। ऊपरी हिस्से को स्टारशिप कहते हैं। इसकी ऊंचाई 164 फीट है। इसमें 1200 टन ईंधन लगता है। दूसरा हिस्सा सुपर हैवी है। यह 226 फीट ऊंचा रॉकेट है। यह स्टारशिप को एक ऊंचाई तक ले जाएगा।
बता दें कि स्टारशिप की पहली परीक्षण उड़ान को पूरा करने के लिए स्पेसएक्स का यह दूसरा प्रयास था। पहले चरण के बूस्टर में दबाव के कारण निर्धारित लॉन्च से 10 मिनट से भी कम समय पहले रॉकेट के लिफ्ट-ऑफ को रद्द कर दिया गया था।
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