Sheikh Hasina Speaks on Bangladesh Turmoil: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी सरकार के तख्तापलट में अमेरिकी सरकार के हाथ होने का इशारा किया है। हफ्ते भर पहले ढाका से भारत पहुंचीं हसीना ने एक इंटरव्यू में ढाका से दिल्ली पहुंचने के हालातों पर बात की। शेख हसीना ने कहा कि मैंने हिंसा रोकने के लिए अपने पद से इस्तीफा दिया। उनका लक्ष्य छात्रों के शवों पर खड़े होकर सत्ता हथियाना था, लेकिन मैंने इस्तीफा देकर इसे रोक दिया।
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5 अगस्त को शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद से बांग्लादेश में राजनीतिक उठापटक की स्थिति बनी हुई है। अंतरिम सरकार का गठन हो गया है। हालांकि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा रूक नहीं रही है। छात्रों के प्रदर्शन के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अंतरिम सरकार की कमान मोहम्मद यूनुस के हाथों में है। यूनुस के कंधों पर सत्ता का हस्तांतरण कराने और जल्द से जल्द चुनाव कराने की जिम्मेदारी है।
हिंसा में मारे गए 500 से ज्यादा लोग
शेख हसीना ने कहा कि अगर वह ढाका में ही रहतीं तो और ज्यादा हिंसा होने की आशंका थी, उन्होंने कहा कि ‘मैं आपकी नेता थी, क्योंकि आपने मुझे चुना था। आप मेरी ताकत थे।’ मध्य जुलाई से शेख हसीना की सरकार के खिलाफ भड़के प्रदर्शन में 560 लोगों से ज्यादा की मौत हुई है।
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‘छात्रों को रजाकार नहीं कहा’
प्रदर्शनकारी छात्रों को रजाकार कहने के सवाल पर हसीना ने कहा कि उन्होंने कभी भी छात्रों को रजाकार नहीं कहा। उन्होंने कहा कि छात्रों को भड़काने के लिए मेरे शब्दों को तोड़ा मरोड़ा गया। आप उस दिन के वीडियो देखिए और समझिए कि किस तरह साजिशकर्ताओं ने बांग्लादेश को अस्थिर करने के लिए आपकी भावनाओं को भड़काया।
बांग्लादेश में रजाकार शब्द का मतलब उन लोगों से है, जिन्होंने 1971 की लड़ाई में मुक्तिवाहिनी के खिलाफ पाकिस्तानी फौज का साथ दिया।
अमेरिका पर हसीना का चौंकाने वाला खुलासा
शेख हसीना ने दावा किया कि उनकी सरकार को कुछ नहीं होता अगर वह बांग्लादेश की संप्रभुता के साथ समझौता कर लेतीं और बंगाल की खाड़ी में सेंट मार्टिन आइलैंड अमेरिका को सौंप देतीं। हसीना ने कहा कि मैं अपने देश के लोगों से विनती करती हूं कि कृपया कट्टरपंथियों के बहकावे में ना आएं।
मई 2024 में हसीना ने आरोप लगाया था कि बांग्लादेश और म्यांमार के कुछ हिस्सों को मिलाकर ईस्ट तिमोर की तरह एक ईसाई देश बनाने की साजिश की जा रही है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उन्हें चुनाव में मदद की पेशकश की गई थी, अगर वह बांग्लादेश में एक देश को एयरबेस बनाने की मंजूरी दे देतीं। हालांकि इस दौरान शेख हसीना ने किसी भी देश का नाम नहीं लिया।