What Are Pajama Injunctions Causing Problem For British PM Rishi Sunak in Hindi : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का रवांडा डिपोर्टेशन प्लान उनके ही गले की फांस बन गया है। उन्होंने फ्रांस से छोटी नावों के जरिेए आने वाले प्रवासियों के देश में प्रवेश पर रोक लगाना अपनी सरकार का प्रमुख लक्ष्य बना लिया है। लेकिन इसके लिए उन्हें कंजर्वेटिव पार्टी की राइट विंग से विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।
Governments around the world are now trying to imitate the UK Rwanda policy for tackling illegal people trafficking. This bill must be as legally robust as possible – and the right course is to adopt the amendments. https://t.co/lOpdbpzWl5
---विज्ञापन---— Boris Johnson (@BorisJohnson) January 16, 2024
विरोधियों का दावा है कि प्रधानमंत्री सुनक की ये योजना पर्याप्त प्रभावी नहीं है। इस योजना के खिलाफ खड़े नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और लिज ट्रूस भी शामिल हैं। लेकिन सुनक के लिए यह अकेली समस्या नहीं है। इस समय वह एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं, जिन्हें पजामा इंजंक्शन कहा जाता है। इस रिपोर्ट में जानिए कि आखिर ये पजामा इंजंक्शन होते क्या हैं और ऋषि सुनक के लिए सिरदर्द किसलिए बन गए हैं।
क्या होते हैं पजामा इंजंक्शन?
पजामा इंजंक्शन यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट की ओर से जारी किए जाते हैं। इनका नाम ऐसा इसलिए पड़ा क्योंकि ये अक्सर देर रात जारी होते हैं। ब्रिटिश लोककथाओं के अनुसार इस तरह के इंजंक्शन जारी करने वाले जज पजामा पहने हुए थे। इनका मतलब एक तरह से किसी चीज पर रोक लगाना होता है।
ऋषि सुनक की सरकार अवैध प्रवासियों पर किसी भी हालत में रोक लगाना चाहती है। ये प्रवासी पश्चिमी एशिया, अफ्रीका और दक्षिणी एशिया से होते हैं। इनका कहना है कि वह युद्ध और प्रताड़ना से बचने के लिए आ रहे हैं। सुनक की योजना ऐसे प्रवासियों को पूर्वी अफ्रीका के देश रवांडा भेजने की है।
लेकिन यूरोपीय कोर्ट के इंजंक्शन की वजह से ऐसे प्रवासियों को रवांडा ले जाने वाली कई उड़ानों पर रोक लग गई है। इनमें ऐसे विमान भी शामिल हैं जो रनवे पर थे। कोर्ट को इसके रूस 39 आदेश के तहत ऐसे कदम उठाने का अधिकार है जहां इसे लगता है कि लोगों को बेहद गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।
Pajama drama!
How European judges’ “pajama injunctions” are tearing Britain's Tories apart. https://t.co/qVojUrp0g1
— POLITICOEurope (@POLITICOEurope) January 17, 2024
सुनक के लिए समस्या क्या है?
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने इसे लेकर बातें तो बहुत बड़ी-बड़ी की थीं लेकिन अभी तक वह एक भी प्रवासी को रवांडा नहीं भेज पाए हैं। ऐसा तब है जब ब्रिटेन एग्रीमेंट के हिस्से के रूप में रवांडा को लाखों पाउंड दे रहा है। इसी बीच यूके सुप्रीम कोर्ट ने भी रवांडा पॉलिसी को अवैध घोषित करते हुए सुनक को एक और झटका दिया है।
सुनक के ‘सेफ्टी ऑफ रवांडा बिल’ का उद्देश्य मूल रूप से शरणार्थियों को इस बात से रोकना है कि वह अपने डिपोर्टेशन के खिलाफ अदालत में चुनौती पेश कर सकें। सुनक का दावा है कि इस बिल में हर उस कारण का स्पष्ट उत्तर दिया गया है जिनका इस्तेमाल कभी भी रवांडा के लिए उड़ानों को रोकने के लिए किया गया है।
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