Nepal : नेपाल में हुए आमचुनावों के बाद अब प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने संसद में विश्वास मत हासिल कर लिया हैं। इसके लिए मंगलवार को विश्वास मत पर वोटिंग हुई। दहल को समर्थन में 270 में से 268 वोट मिले।
विश्वास की राजनीति से बढ़ेंगे आगे
वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह अस्वीकृति, अनादर और प्रतिशोध की राजनीति के बजाय आम सहमति, सहयोग और विश्वास की राजनीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी केंद्र के 68 वर्षीय नेता ने 26 दिसंबर को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले चुनाव पूर्व गठबंधन से बाहर निकलकर विपक्ष के नेता केपी शर्मा ओली से हाथ मिला लिया था।
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दुनिया को देंगे राष्ट्रीय एकता का संदेश
प्रधानमंत्री प्रचंड की नियुक्ति के बाद नेपाल का पहला संसद सत्र सोमवार को शुरू हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रमुख के रूप में वह नेपाल में राष्ट्रीय एकता का संदेश दुनिया को देना चाहते हैं। उन्होंने अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति समर्पित रहने और लोगों को कुछ नया देने का संकल्प लिया है। प्रचंड को प्रधानमंत्री बने रहने के लिए 275 सदस्यीय संसद में 138 के समर्थन की आवश्यकता थी।
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