PM Modi US Visit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा है। इस दौरे के दौरान दोनों देश रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होने वाली है। दोनों नेताओं के बीच बैठक में व्यापार, सुरक्षा, रक्षा सहयोग और वीजा नीति जैसे की अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
ट्रंप के फैसले से दुनिया में हड़कंप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों से पहले ही दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। अपने शपथ ग्रहण के बाद से ट्रंप ने अब तक केवल इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला से ही मुलाकात की है। फिलहाल ट्रंप का ध्यान अपने घरेलू एजेंडे, गाजा के लिए एक विवादास्पद योजना और कई देशों और वस्तुओं की कैटेगरी पर लगाए गए टैरिफ पर है। भविष्य में भारत के लिए भी यह चिंता का विषय है।
पीएम मोदी का 10वां अमेरिका दौरा
प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी का यह 10वां अमेरिकी दौरा है। 2014 के बाद से पीएम मोदी बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन से मुलाकात कर चुके हैं। अब ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं की अहम बैठक होने वाली है। इस दौरान अवैध प्रवासियों की भारत वापसी, टैरिफ और आयात शुल्क, द्विपक्षीय व्यापार, वीजा और अप्रवासन नीति, इंडिया-ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर और रक्षा सहयोग जैसे अहम मामलों पर चर्चा होने की संभावना है। जानकारों के मुताबिक, यह बैठक थोड़ी असामान्य हो सकती है क्योंकि, ट्रंप प्रशासन के लिए ये शुरुआती दिन हैं। उन्हें वास्तव में भारत के प्रति अपने दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर नहीं मिला है। ट्रंप प्रशासन में भारत पर केंद्रित कई प्रमुख पद भी रिक्त हैं, जिन्हें अभी तक नहीं भरा गया है। यह देखते हुए लगता है कि यह यात्रा जल्दी में हो रही है और यह एक कामकाजी यात्रा है, न कि राजकीय यात्रा।
पर्सनल तालमेल
पीएम मोदी और ट्रंप के बीच पर्सनल तालमेल एक-दूसरे के देशों की यात्राओं के दौरान बना है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यह तालमेल संभवतः उनकी बैठक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। दोनों नेताओं ने चीन और कट्टरपंथी इस्लाम को अस्तित्व के लिए खतरा माना है और दोनों ही अपनी मजबूत नेतृत्व शैली और आर्थिक राष्ट्रवाद के लिए जाने जाते हैं। इसकी झलक पीएम मोदी की सितंबर 2019 में ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी कार्यक्रम’ और उसके बाद ट्रंप की फरवरी 2020 में अहमदाबाद यात्रा के दौरान देखने को मिली थी।
अवैध प्रवासियों की भारत वापसी
अमेरिका अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को वापस भेज रहा है, जिसमें भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है। हालांकि, जिस तरह हथकड़ियों में जकड़कर भारतीय नागरिकों को भेजा गया, उस पर भारत में विवाद छिड़ गया। पीएम मोदी इस विषय पर ट्रंप से चर्चा करेंगे ताकि भविष्य में भारतीय नागरिकों को सम्मानजनक तरीके से वापस भेजा जाए। साथ ही ट्रंप प्रशासन ने कई देशों पर भारी टैरिफ लगाए हैं, लेकिन भारत को अब तक इससे छूट मिली हुई है। इस दौरे में टैरिफ और व्यापार शुल्क पर बातचीत होने की संभावना है।
द्विपक्षीय व्यापार और रक्षा सहयोग
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत-अमेरिका व्यापार में अमेरिकी हिस्सेदारी 10.73 फीसदी है। इस यात्रा में व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए समझौते हो सकते हैं। वहीं, भारत अमेरिका से पी-8आई निगरानी विमान खरीदने के सौदे पर नजर गढ़ाए हुए है। यह सौदा भारत की सुरक्षा और रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा। इंडो-पैसिफिक रणनीति और QUAD साझेदारी को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हो सकती है।
इंडिया-ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर
यह प्रोजेक्ट यूरोप और एशिया के बीच व्यापारिक संपर्क को बढ़ाने में मदद करेगा। भारत और अमेरिका इस कॉरिडोर को लेकर आपसी सहयोग को और मजबूत कर सकते हैं। इस दौरे को भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया युग शुरू करने के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि टैरिफ, वीजा नीति और प्रवासी भारतीयों के मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन का रुख भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा। भारत-अमेरिका रक्षा और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए यह यात्रा अहम साबित हो सकती है।