प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओमान के दौरे पर हैं. जहां आज उन्हें ओमान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है. मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऑर्डर ऑफ ओमान का फर्स्ट क्लास सम्मान दिया गया है, जो खाड़ी देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मानों में से एक है. यह प्रतिष्ठित सम्मान पहले क्वीन एलिजाबेथ II, क्वीन मैक्सिमा, सम्राट अकिहितो, नेल्सन मंडेला और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला जैसी दुनिया की मशहूर हस्तियों को दिया जा चुका है. प्रधानमंत्री मोदी को उनके कार्यकाल में मिला यह 29वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मस्कट में हुए एक कम्युनिटी प्रोग्राम की कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं, जिसमें भारत और ओमान के बीच मजबूत इमोशनल कनेक्शन को दिखाया गया.
X पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘प्यार और गर्व दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे रिश्तों को दिखाता है.’ यह आउटरीच इवेंट मोदी के ओमान दौरे के दौरान हुआ, जिसमें कल्चरल और सोशल लिंक को दिखाया गया जो दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत बनाए हुए हैं.
मस्कट में हुआ पीएम मोदी का स्वागत
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को ओमान पहुंचे और मस्कट के अल बराका पैलेस में सुल्तान हैथम बिन तारिक ने उनका औपचारिक स्वागत किया. रिसेप्शन के बाद दोनों नेताओं के बीच एक बाइलेटरल मीटिंग हुई, जिसमें उन्होंने भारत-ओमान संबंधों की पूरी स्थिति का रिव्यू किया और मुख्य सेक्टर्स में सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
भारत-ओमान ने CEPA पर किए हस्ताक्षर
बातचीत के दौरान, दोनों नेताओं ने कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) पर साइन होने का स्वागत किया और इसे भारत-ओमान स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को गहरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया. इस एग्रीमेंट से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, साथ ही आर्थिक सहयोग के नए रास्ते भी खुलेंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि CEPA से ट्रेड फ्लो बढ़ाने, इन्वेस्टमेंट बढ़ाने, इकोनॉमिक डाइवर्सिफिकेशन को बढ़ावा देने और इकोनॉमी के बड़े सेक्टर्स में मौके खोलने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि यह एग्रीमेंट इकोनॉमिक ग्रोथ को भी सपोर्ट करेगा और रोजगार पैदा करेगा.
जायसवाल ने कहा, ‘लोगों के लिए, CEPA का मतलब है ज़्यादा नौकरियां, बिजनेस के लिए बेहतर मार्केट एक्सेस, मज़बूत सप्लाई चेन और दोनों तरफ ज़्यादा आर्थिक मौके.’










