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17000 फीट ऊंचाई से समुद्र में गिरा जहाज, पायलट की एक गलती के कारण प्लेन क्रैश, 152 लोगों की लाशें मिली

Today History in Hindi: आज के दिन भीषण विमान हादसा हुआ था। एक जहाज क्रैश होकर भारतीय समुद्र में गिर गया था। हादसे में 152 लोग मारे गए थे। समुद्र से जहाज का मलबा, सामान और लाशें मिली थीं, आइए जानते हैं कि हादसा कब और कैसे हुआ था?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jun 30, 2024 07:44
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Yemenia Flight 626 Crash
समुद्र से जहाज का मलबा, लाशें और सामान मिला।

Yemenia Flight 626 Crash Memoir: एयरबस ए310-324 ट्विन-इंजन जेट एयरलाइनर 17000 फीट की ऊंचाई पर था और अपने लैंडिंग पॉइंट के करीब था कि पायलट ने एक गलती कर दी, जिसके बाद जहाज से उसका कंट्रोल छूट गया। इतनी ऊंचाई पर जहाज के इंजन बंद हो गए और वह पलटियां खाते हुए भारत के समुद्री क्षेत्र में गिरकर क्रैश हो गया। रेस्क्यू टीम को 152 लोगों की लाशें समुद्र के पानी में तैरती मिलीं। मृतकों का सामान और जहाज का मलबा भी समुद्र से निकाला गया।

वहीं 12 साल की एक लड़की अधमरी हालत में मिली, जिसे मौके पर मेडिकल ट्रीटमेंट देकर बचा लिया गया। वह 13 घंटे समुद्र में तैरने के बाद जहाज के मलबे से चिपकी मिली। 13 दिन बाद पूरी तरह ठीक होने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। जांच में हादसे की वजह पायलट को बताया गया। वह जहाज में आई खराबी को समझ नहीं पाया और गफलत में उसने टेक्निकल चीजें खराब कर दीं, जिससे जहाज के इंजन बंद हो गए और वह क्रैश हो गया।

 

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हिंद महासागर में गिरकर आग का गोला बना जहाज

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यमनिया एयरलाइंस की फ्लाइट 749 ने एयरबस A330-200 में 30 जून 2009 को यमन के सना इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। जहाज को कोमोरोस के मोरोनी में प्रिंस सईद इब्राहिम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड होना था। फ्रांस के मार्सिले में मार्सिले प्रोवेंस एयरपोर्ट पर फ्लाइट का स्टॉपओवर था, जहां कुछ पैसेंजर और क्रू मेंबर्स इसमें सवार हुए, लेकिन भारतीय समयानुसार सुबह के करीब डेढ़ बजे जहाज प्रिंस सईद इब्राहिम इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास पहुंचते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

हादसा रात में कोमोरोस के ग्रांडे कोमोर में हिंद महासागर के उत्तरी तट पर हवाई अड्डे से कुछ मिनट की दूरी पर हुआ। पायलट सर्कल-टू-लैंड प्रोसेस के दौरान जहाज में आई खराबी को संभाल नहीं पाए। ATC से संपर्क टूटा, जहाज का इंजन बन हुआ और वह 500 मील की रफ्तार से पलटियां खाते हुए हिंद महासागर में गिर गया। जहाज पानी में गिरते ही क्रैश हो गया था। उसमें धमाका होने के बाद आग लग गई थी।

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मारे गए ज्यादातर लोग कोमोरियन और फ्रांसीसी थे

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जहाज में 142 पैसेंजर्स और 11 क्रू मेंबर्स थे। ज्यादातर पैसेंजर कोमोरियन और फ्रांसीसी नागरिक थे। फ्लाइट क्रू के सभी मेंबर्स यमन के थे। कैप्टन खालिद हजेब (44), फर्स्ट ऑफिसर अली अतेफ (50) और फ्लाइट इंजीनियर अली सलेम थे। केबिन क्रू में 3 यमनी, 2 फिलिपिनो, 2 मोरक्कन, एक इथियोपियाई और एक इंडोनेशियाई मेंबर था। कैप्टन हजेब 1989 से यमन के लिए काम कर रहे थे और 2005 में A310 कैप्टन बन गए थे।

उनके पास 7,936 घंटे फ्लाई करने का अनुभव था, जिसमें एयरबस A310 पर 5,314 घंटे शामिल थे। हजेब ने पहले 25 बार मोरोनी के लिए उड़ान भरी थी। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जिस लड़की बहिया बाकरी को शवों और मलबे के बीच देखा गया, उसे स्थानीय मछुआरों और ग्रांडे कोमोर पर अधिकारियों द्वारा भेजे गए स्पीडबोट से अस्पताल तक लाया गया था। बाकरी अपनी मां के साथ यात्रा कर रही थी, जो बच नहीं पाई।

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First published on: Jun 30, 2024 07:15 AM

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