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27000 फीट ऊंचाई से प्लेन जमीन पर गिरा, 145 लोग जिंदा जलकर मरे; 16 महीने की बच्ची बची, उसकी मां-बहन की मौत

Today History in Hindi: आज के दिन हुए भीषण विमान हादसे में 145 लोग मारे गए थे। 16 साल की बच्ची बची, जिसे मामूली खरोंचे लगी। वह आग में धधक रहे मलबे के बीच अपने पालने में रोती-बिलखती मिली। आइए जानते हं कि हादसा कब, कैसे और कहां हुआ?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jul 9, 2024 09:02
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Pan Am Flight 759 Crash
क्रैश होने के बाद भी मलबा आग में धधकता रहा।

Pan Am Flight 759 Crash Memoir: डोमेस्टिक फ्लाइट अपने सफर पर थी। 27 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंची ही थी कि अचानक गर्म हवा का तेज झोंका (माइक्रोबर्स्ट) आया, प्लेन से टकराया और झटका लगने से प्लेन का बैलेंस बिगड़ गया। इसके बाद विमान 500 मील से ज्यादा की स्पीड से तेजी से मुंह के बल नीचे आया। पायलट ने विमान को किसी तरह सीधा किया। पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग के लिए प्लेन को सपाट जगह देखी और विमान को इमरजेंसी लैंडिंग मोड में डाल दिया।

विमान रनवे पर उतरने से पहले इधर-उधर डमगमाता हुए पेड़ों से टकराया। इसके बाद घरों से टकराते हुए रनवे के आखिरी छोर पर रिहायशी इलाके में क्रैश हो गया। विमान में आग लगने से उसमें सवार सभी 145 लोग मारे गए। हादसे में जमीन पर रहने वाले 8 लोग भी मारे गए, जिनमें एक महिला और उसकी 8 साल की बेटी भी थी। वहीं उसकी 16 महीने की बेटी को मामूली खरोंचे आई। वह अपने पालने में मिली, जो जहाज के मलबे से ढका था। बाकी लोगों की सिर्फ लाशें बरामद हुई थीं।

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हादसे का कारण खराब मौसम को बताया गया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हादसा आज से 42 साल पहले 9 जुलाई 1982 को हुआ था। पैन एम फ्लाइट 759 ने बोइंग 727 प्लेन में मियामी से सैन डिएगो के लिए उड़ान भरी थी। न्यू ऑरलियन्स और लास वेगास में फ्लाइट का स्टॉपेज था, लेकिन उड़ान भरने के तुरंत ऊंचाई पर पहुंचते ही विमान माइक्रोबर्स्ट की चपेट में आने से क्रैश हो गया। विमान में 138 पैसेंजर्स और 7 क्रू मेंबर्स थे, जिन्होंने हादसे में जान गंवाई। कैप्टन 45 वर्षीय केनेथ एल मैकुलर थे।

फर्स्ट पायलट 32 वर्षीय डोनाल्ड जी पियर्स थे। फ्लाइट इंजीनियर 60 वर्षीय लियो बी नून थे। इनके अलावा 3 फ्लाइट क्रू मेंबर थे। मेडिकल टेस्ट में फ्लाइट के दौरान उन्हें नींद आने या स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या होने की पुष्टि नहीं हुई थी। राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) ने हादसे की जांच की थी, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में हादसे का कारण खराब मौसम को बताया था। टेकऑफ के समय मौसम खराब नहीं था, उसक पूर्वानुमान था, लेकिन ऊंचाई पर जाने के बाद हवा चलने लगी थी।

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हादसे के दौरान ऐसी थी मौसमी परिस्थितियां

जांच रिपोर्ट में दावा किया गया कि न्यू ऑरलियन्स राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा 9 जुलाई को टेकऑफ के समय पायलट को वेदर रिपोर्ट दी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, आंधी, तूफान, हिमपात और हवा के तेज झोंके आने की संभावना था। लुइसियाना तट पर उच्च दबाव का क्षेत्र बन रहा था। वहीं हादसे के समय मौसम की जो परिस्थितियां रिकॉर्ड हुईं, वे बिखरे हुए अलग-अलग टूटे हुए बादल, गरज चमक के साथ बारिश की बौछारें थीं। ठंडी और तेज हवाएं चल रही थीं, जो एक तरफ ही बह रही थीं।

फ्लाइट 759 ने लुइसियाना के केनर में न्यू ऑरलियन्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट (अब लुइस आर्मस्ट्रांग न्यू ऑरलियन्स इंटरनेशनल) के रनवे-10 से उड़ान भरी तब गरज के साथ उत्तर-पूर्व की दिशा में बारिश हो रही थी। उस दिशा में चल रही हवाओं के तेज और घुमावदार होने की सूचना थी, जो चारों दिशाओं को प्रभावित कर सकती थीं। फर्स्ट पायलट पियर्स उड़ान भरने वाले पायलट थे और कैप्टन मैकुलर पायलट निगरानी कर रहे थे, जैसा कि विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) पर दर्ज किया गया था।

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HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Jul 09, 2024 08:23 AM

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