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FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर हुआ पाकिस्तान

नई दिल्ली: पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर हो गया है। FATF ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा- पाकिस्तान “अब FATF की निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है। पाकिस्तान एंटी मनी लॉन्डरिंग और आतंकवाद विरोधी फाइनेंशियल सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए एशिया/पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग के साथ काम करना जारी […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Oct 22, 2022 11:56
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pakistan FATF
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नई दिल्ली: पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर हो गया है। FATF ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा- पाकिस्तान “अब FATF की निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है। पाकिस्तान एंटी मनी लॉन्डरिंग और आतंकवाद विरोधी फाइनेंशियल सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए एशिया/पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग के साथ काम करना जारी रखेगा।”

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फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने अपनी एएमएल/सीएफटी व्यवस्था में सुधार के लिए पाकिस्तान की प्रगति का स्वागत किया। एफएटीएफ ने आगे कहा- पाकिस्तान ने प्रभावशीलता को मजबूत किया और एफएटीएफ की पहचान की गई रणनीतिक कमियों के संबंध में अपनी कार्य योजनाओं की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए तकनीकी कमियों को दूर किया।

ब्लैक लिस्ट में म्यांमार

FATF अध्यक्ष ने कहा- एफएटीएफ म्यांमार द्वारा अपनी कार्य योजना में हासिल की गई प्रगति की कमी को लेकर चिंतित है। यह अपनी कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहा है, जो पिछले साल पूरी तरह से समाप्त हो गई थी। परिणामस्वरूप FATF ने म्यांमार को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। ईरान और कोरिया ब्लैक लिस्ट में हैं।

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इस वजह से था ग्रे लिस्ट में 

पाकिस्तान को 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में विफलता के बाद भ्रष्टाचार और आतंक के वित्तपोषण के कारण ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था। FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग, वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा माने जाने वाले आतंकी वित्तपोषण से निपटने के लिए पाकिस्तान में कमियां पाई थी। पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में बने रहने के साथ इस देश के लिए आईएमएफ, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और यूरोपीय संघ से वित्तीय सहायता प्राप्त करना कठिन हो गया था, इस प्रकार आर्थिक समस्या से जूझ रहे देश के लिए समस्याएं और बढ़ गई थी। पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने और व्हाइट लिस्ट में जाने के लिए 39 में से 12 वोट चाहिए थे। ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए उसे तीन देशों के समर्थन की जरूरत थी। चीन, तुर्की और मलेशिया इसके लगातार समर्थक रहे हैं।

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जून, 2018 से ग्रे लिस्ट में 

पाकिस्तान को जून, 2018 में FATF द्वारा ग्रे लिस्ट में रखा गया था और अक्टूबर 2019 तक इसे पूरा करने के लिए एक कार्य योजना दी गई थी। तब से FATF जनादेश का पालन करने में विफलता के कारण देश उस सूची में बना हुआ था। FATF एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसकी स्थापना 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से संबंधित खतरों से निपटने के लिए की गई थी। FATF में वर्तमान में 39 सदस्य हैं जिनमें दो क्षेत्रीय संगठन यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद शामिल हैं। भारत FATF परामर्श और उसके एशिया पेसेफिक ग्रुप का सदस्य है।

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Edited By

Pushpendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Oct 21, 2022 08:41 PM

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