पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पिछले हफ्ते भारत और पाकिस्तान के बीच भारी गोलीबारी हुई। सीमा पर गोलियों और तोपों की गड़गड़ाहट सुनाई दे रही थीं और दोनों देशों के लोग सोशल मीडिया पर बहस कर रहे थे। वहीं, इस तरह के ध्रुवीकरण के समय में सीमा के दोनों ओर के कई लोग एक विषय पर एकजुट थे और वह विषय था पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की आलोचना, जिनकी टिप्पणियों ने तनावपूर्ण और युद्ध जैसी स्थिति के बीच लोगों को चर्चा का एक नया मुद्दा दे दिया था। दरअसल, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने एक इंटरव्यू में आतंकियों को पनाह देने में पाकिस्तान की भूमिका को स्वीकार किया। साथ ही भारत के ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों के मारे जाने को लेकर सवाल पर उन्होंने पाकिस्तान के आतंकी रिश्ते को भी कबूल कर लिया।
ख्वाजा आसिफ ने ईमानदारी से किया स्वीकार
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुद ही कबूल लिया है कि उनका देश आतंकियों से रिश्ता रखता आया है। एक न्यूज चैनल पर दिए इंटरव्यू में उन्होंने पाकिस्तान की आतंकियों से रिश्ते का सारा कच्चा चिठ्ठा खोलकर रख दिया। 25 अप्रैल को स्काई न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान आसिफ ने प्रभावी रूप से स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहा है और पश्चिमी शक्तियों पर पाकिस्तान को सुविधाजनक रूप से दोषी ठहराने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘जब हम 80 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ उनकी तरफ से लड़ रहे थे, तब आज के ये सभी आतंकवादी वाशिंगटन डीसी में मौज-मस्ती कर रहे थे।’ इस सवाल पर कि क्या वह मानते हैं कि पाकिस्तान का आतंकवाद का समर्थन करने का लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने जवाब दिया, ‘हां यह सच है कि हम 3 दशकों से अमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिम के लिए यह ‘डर्टी काम’ कर रहे हैं। यह एक गलती थी और हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।’
मदरसे दूसरी रक्षा पंक्ति: आसिफ
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में बोलते हुए आसिफ ने कहा कि मदरसे और उनके छात्र देश की ‘दूसरी रक्षा पंक्ति’ हैं। उन्होंने कहा, ‘जहां तक मदरसों या मदरसा छात्रों का सवाल है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि वहां पढ़ने वाले युवा हमारी दूसरी रक्षा पंक्ति हैं, जब समय आएगा तो उनका 100 प्रतिशत इस्तेमाल किया जाएगा।’ आसिफ की इस टिप्पणी की पाकिस्तान में कड़ी आलोचना हुई। मानवाधिकार कार्यकर्ता ताहिरा अब्दुल्ला ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘इससे दुनिया में पाकिस्तान की पहले से बनी छवि को नुकसान पहुंचा है, जो देश में धार्मिक मदरसों के असीमित प्रसार को एक ऐसी जगह के रूप में देखती है, जहां जिहाद और तथाकथित स्वतंत्रता संग्राम के नाम पर युवाओं का ब्रेन वॉश किया जाता है।’
पाकिस्तान की ड्रोन रणनीति पर बयान देकर फंसे
रक्षा मंत्री आसिफ ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को बताया कि उनकी सेना ने भारतीय ड्रोन को न रोकने का फैसला किया है ताकि वे पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों के स्थान का पता न लगा सकें। उन्होंने कहा, ‘ड्रोन हमले का उद्देश्य हमारे स्थानों का पता लगाना था। यह एक तकनीकी मामला है। उन्हें रोका नहीं गया, इसलिए हमारे सैन्य प्रतिष्ठानों की जानकारी लीक नहीं हुई। इस टिप्पणी को पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली की अपर्याप्तता को छिपाने के प्रयास के रूप में देखा गया, जिस मोर्चे पर भारत ने पश्चिमी क्षेत्र में पाकिस्तान द्वारा दागी गई मिसाइलों और ड्रोनों की बौछार को पूरी तरह रोककर सफलता प्राप्त की थी।
सोशल मीडिया पर सबूत: आसिफ
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान यह आसिफ का सबसे बेहतरीन बयान था। CNN के साथ एक इंटरव्यू में उनसे पाकिस्तान के इस दावे को पुख्ता करने के लिए कहा गया कि उनकी वायु सेना ने पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया है। एंकर ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से पूछा, ‘सबूत कहां है?’ जवाब आत्मविश्वास से भरा था, ‘सबूत सोशल मीडिया पर है।’ एंकर ने स्पष्ट रूप से आश्चर्यचकित होकर जवाब दिया, टआप रक्षा मंत्री हैं। आज आपसे बात करने का कारण सोशल मीडिया पर मौजूद सामग्री के बारे में बात करना नहीं है। मैं आपसे बहुत ही खास तौर पर सबूत मांग रही हूं।’ मंत्री अपने दावों को पुख्ता करने में विफल रहे। बाद में इंटरव्यू में आसिफ ने यह भी दावा किया कि भारत ने स्वीकार किया है कि उसके तीन विमान गिरे हैं, जबकि भारतीय वायुसेना ने ऐसा कुछ भी स्वीकार नहीं किया है।
अपने देश में ही आसिफ की हुई आलोचना
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री को उनके गैरजिम्मेदाराना बयानों के लिए देश और विदेश में उपहास का पात्र बनना पड़ा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की नेशनल असेंबली की सदस्य जरताज गुल ने कहा कि आसिफ का रवैया बहुत गैरजिम्मेदाराना था। उन्होंने कहा, ‘अगर आपको अंग्रेजी नहीं आती है, तो अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सामने न जाएं। अगर आप अपने देश को डिफेंड नहीं कर सकते, तो न जाएं, अपनी सरकार और अपने देश का मजाक न उड़ाएं।’ उन्होंने कहा, ‘आप कहते हैं कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देता है। सरकार के पास अधिक शिक्षित लोग हैं, उन्हें भेजें।’ सोशल मीडिया पर भी पाकिस्तानियों ने आसिफ की टिप्पणियों की आलोचना की है और उन्हें शर्मनाक बताया।
ट्रोल होने पर अपने बयान से पलटे आसिफ
अपने बयान के बाद ट्रोल होने पर ख्वाजा आसिफ ने पलटी मारते हुए 13 मई को एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि हमने आतंकियों से संबंध बहुत पहले तोड़ लिए थे। आसिफ ने कहा कि ‘हमने उन लोगों (आतंकियों) से रिश्ते-नाते कई सालों से तोड़ लिए हैं। इस दौरान आसिफ ने कबूल किया कि ‘उनके (आतंकियों) रिश्तेदार वगैरह रहते होंगे, लेकिन वे हमारे लिए भी उतने ही बुरे हैं, जितने वे बाकी दुनिया के लिए हैं।’ ख्वाजा आसिफ ने कहा कि ‘हम अपनी जांच नहीं करना चाहते हैं। दुनिया आकर हमारी जांच करे। जिन जगहों पर निशाना बनाया गया है, उसे आकर देखें कि वहां दहशतगर्दों के ठिकानें हैं या नहीं।’
Pakistan Defence Minister Khawaja Muhammad Asif : we have cut ties with terrorism pic.twitter.com/GT6T9GJPsu
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 13, 2025