दीपक दुबे
पाकिस्तान में हर तरफ महंगाई की मार है, आम आदमी की जिंदगी मुश्किल होती जा रही है। खाने-पीने की चीजें इतनी महंगी हो गई हैं कि गरीब और मध्यम वर्ग के लोग परेशान हैं। सरकार के पास पैसे नहीं हैं, इसलिए वह बार-बार कर्ज मांग रही है कभी IMF से, तो कभी चीन से। ऊपर से आतंकवाद और भारत से बिगड़ते रिश्ते ने परेशानी और बढ़ा दी है। अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान इस आर्थिक तूफान से निकल पाएगा या हालात और भी बिगड़ेंगे? आइए जानते हैं इस पूरे संकट की पूरी कहानी।
हर रोज महंगी होती चीजें और भूख का संकट
पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश में महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। चावल 350 रुपये किलो और चिकन 800 रुपये किलो बिक रहा है। खराब मौसम के कारण खेती पर भी बुरा असर पड़ा है, जिससे खाने-पीने की चीजों की कमी हो रही है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल पाकिस्तान में करीब 10 मिलियन यानी 1 करोड़ लोग भूख और खाद्य असुरक्षा का सामना करेंगे। हालात इतने खराब हैं कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 11 हजार करोड़ रुपये की मदद मांगी है। IMF की बैठक 9 मई को होगी, जिसमें पाकिस्तान की मदद पर फैसला होगा।
IMF और चीन से मदद की गुहार
दूसरी ओर पाकिस्तान ने चीन से भी 10 बिलियन युआन यानी करीब 1.4 अरब डॉलर के लोन की मांग की है। चीन पहले ही पाकिस्तान को 4.3 अरब डॉलर की व्यापार सुविधा दे चुका है, जिसकी अवधि तीन साल के लिए बढ़ा दी गई है। IMF ने पाकिस्तान की आर्थिक ग्रोथ का अनुमान भी घटाकर 2.5% से 3% के बीच कर दिया है। पाकिस्तानी सेंट्रल बैंक का मानना है कि जून 2025 तक मुद्रास्फीति दर 5.5% से 7.5% के बीच रह सकती है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में महंगाई और बढ़ेगी।
भारत से व्यापार पर संकट और बढ़ती मुश्किलें
भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार संबंध भी अब संकट में हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। अगर दोनों देशों के बीच व्यापार पूरी तरह से बंद होता है, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को और झटका लगेगा। भारत से पाकिस्तान को बड़ी मात्रा में दवाएं, सब्जियां, फल और ड्राई फ्रूट्स भेजे जाते हैं। 2024 में पाकिस्तान ने भारत से 3.5 मिलियन डॉलर का सामान आयात किया है। इन जरूरी वस्तुओं की कमी से आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
शेयर बाजार गिरा, जनता में डर का माहौल
पाकिस्तान का शेयर बाजार भी भारी गिरावट की चपेट में है। पहलगाम हमले के अगले ही दिन पाकिस्तानी शेयर बाजार में दो प्रतिशत की गिरावट देखी गई। बाजार में अफरातफरी का माहौल है और निवेशक घबराए हुए हैं। देश की आर्थिक नीतियों पर विश्वास कमजोर हो रहा है। हालात ऐसे हैं कि अगर जल्द कोई समाधान नहीं निकला, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और भी नीचे जा सकती है। कर्ज पर निर्भरता और बढ़ती महंगाई ने आम जनता की जेब पर सीधा असर डाला है और आने वाला समय और कठिन हो सकता है।