इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने बुधवार को स्वीकार किया कि सैन्य प्रतिष्ठान राजनीति में शामिल हैं। पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक आगे सेना प्रमुख ने कहा कि सेना ने “राजनीति में हस्तक्षेप” बंद करने का फैसला किया है। रक्षा और शहीद दिवस समारोह को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि दुनिया भर में सेनाओं की शायद ही कभी आलोचना की जाती है “लेकिन हमारी सेना की अक्सर आलोचना की जाती है।” “मुझे लगता है कि इसका कारण सेना की राजनीति में भागीदारी है। इसीलिए फरवरी में सेना ने राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला किया।”
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Pakistan Army Chief admits military involvement in politics
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---विज्ञापन---— ANI Digital (@ani_digital) November 23, 2022
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आगे सेना प्रमुख ने कहा “कई क्षेत्रों ने सेना की आलोचना की और अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया,” उन्होंने कहा “सेना की आलोचना करना राजनीतिक दलों और लोगों का अधिकार है, लेकिन इस्तेमाल की जाने वाली भाषा में सावधानी बरतनी चाहिए।” समारोह की शुरुआत बाजवा ने यह कहकर की कि सेना प्रमुख के तौर पर यह उनका आखिरी संबोधन है। डॉन ने सेना प्रमुख के हवाले से कहा, “मैं जल्द ही सेवानिवृत्त हो रहा हूं। इस बार, यह समारोह आयोजित किया जा रहा है। बता दें सेना प्रमुख इस महीने के अंत तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
जनरल बाजवा ने कहा कि देश “गंभीर आर्थिक” मुद्दों का सामना कर रहा है और कोई भी पार्टी देश को वित्तीय संकट से बाहर नहीं निकाल सकती है। उन्होंने कहा, “राजनीतिक स्थिरता अनिवार्य है और अब समय आ गया है कि सभी राजनीतिक हितधारकों को अपने अहंकार को अलग करना चाहिए, पिछली गलतियों से सीखना चाहिए, आगे बढ़ना चाहिए और पाकिस्तान को इस संकट से बाहर निकालना चाहिए।”
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