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रोते-रोते जा रही बच्चों की जान! उत्तर-पश्चिमी कांगो देश में फैली अजीब बीमारी

North-Western Congo Unknown illness : कांगो के इक्वेटर प्रांत में रहस्यमयी बीमारी से 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। WHO इस बीमारी की जांच कर रहा है। जानें क्या है इस बीमारी का लक्षण और कैसे जा रही लोगों की जान।

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Feb 27, 2025 14:17
Photo Source : Social Media

North-Western Congo Unknown illness : उत्तर-पश्चिमी कांगो के इक्वेटर प्रांत में पांच हफ्तों में 50 से अधिक लोगों की मौत से हड़कंप मच गया है। अधिकतर लोग बीमार होने के कुछ ही घंटे में मर गए। जिन लोगों की मौत हुई, उनमें से अधिकतर रोगियों में एक लक्षण समान था और वह था लगातार रोना! ये मामले दो जगहों पर दर्ज किए गए हैं। अब अधिकारी बीमारियों के कारणों की जांच कर रहे हैं और यह पता लगा रहे हैं कि क्या दोनों जगहों, बोलोको और बोमेट से सामने आए मामले आपस में जुड़े हुए हैं।

पहला मामला बोलोको में दर्ज किया गया था, जहां चमगादड़ खाने के 48 घंटों के भीतर तीन बच्चों की मौत हो गई थी। वहीं, बोमाटे में 400 से अधिक लोग बीमार पड़ गए। जांच में कुछ लोगों में मलेरिया की पहचान की गई है। बिकोरो के एक अस्पताल के डॉक्टर के अनुसार, पहले जगह पर बहुत सारी मौतों वाले इस मामले की हम जांच कर रहे हैं। वहीं, दूसरी जगह पर हमें मलेरिया के मामले मिले हैं।

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क्या हैं लक्षण?

कांगो के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, लगभग 80% रोगियों में बुखार, ठंड लगना, शरीर में दर्द और दस्त जैसे लक्षण दिखाई दिए। रोगियों में गर्दन और जोड़ों में दर्द, पसीना आना और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण भी दिखे। 59 वर्ष से कम उम्र के लोगों को तेज प्यास लगी, जबकि बच्चे लगातार रोते रहे। शुरुआत में, तेजी से मौत के पीछे इबोला जैसे बुखार की संभावना जताई गई थी, लेकिन जांच में इसे खारिज कर दिया गया।

WHO भी कर रहा है काम

इस बीमारी को लेकर WHO भी काम कर रहा है और मलेरिया, वायरल बुखार, भोजन या पानी के जहरीला होने, टाइफाइड बुखार और मेनिन्जाइटिस सहित अन्य संभावित कारणों की जांच कर रहा है। कांगो सरकार की तरफ से इस वायरल बीमारी की जांच करने और इसके फैलने से रोकने के लिए 14 फरवरी को ही विशेषज्ञों की टीम को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा गया था।

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रिपोर्ट्स की मानें तो बोलोको में सबसे पहले बच्चे पीड़ित हुए थे, जिन्होंने चमगादड़ खाया था। इसके बाद जूनोटिक ट्रांसमिशन को लेकर लोगों में चिंता है। इस स्थिति में बीमारी जानवरों से इंसानों में फैलती है। वहीं, WHO का कहना है कि पिछले एक दशक में अफ्रीका में इस तरह के मामलों में 60% की वृद्धि देखी गई है, जिसका एक कारण वन क्षेत्रों में वन्यजीवों के साथ इंसानों का अधिक संपर्क माना गया है।

First published on: Feb 27, 2025 02:17 PM

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