Who is Nobel laureate Muhammad Yunus: बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को एक अदालत ने छह महीने जेल की सजा सुनाई है। उन पर श्रम कानून के उल्लंघन का आरोप है। यूनुस ग्रामीण बैंक के संस्थापक भी हैं। उन्हें सोमवार को अदालत ने सजा सुनाई।
यूनुस के साथ तीन सहयोगियों को भी सुनाई गई सजा
ढाका लेबर कोर्ट की जज शेख मेरिना सुल्ताना ने मामले में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यूनुस और उनके तीन सहयोगियों, जिनमें ग्रामीण टेलीकॉम के निदेशक और पूर्व प्रबंध निदेशक मोहम्मद अशरफुल हसन और निदेशक मंडल के सदस्य नूरजहां बेगम और मोहम्मद शाहजहां शामिल हैं, को दोषी पाया। इस पर उन्होंने सभी को छह महीने जेल की सुनाई।
A court in Bangladesh sentenced Nobel laureate Muhammad Yunus to six months’ imprisonment for labor-law violations in a case his supporters say is politically motivated https://t.co/pJweG45djm pic.twitter.com/BwY3yX9c56
---विज्ञापन---— Reuters (@Reuters) January 1, 2024
यूनुस पर क्या आरोप है?
यूनुस और उनके सहयोगियों पर बांग्लादेशी कानून के मुताबिक, श्रमिकों के बीच कंपनी के शुद्ध लाभ का पांच प्रतिशत वितरित करने में विफलता, 101 स्टाफ सदस्यों को नियमित करना और सार्वजनिक छुट्टियों के लिए श्रमिकों को मुआवजा देना शामिल है।
कोर्ट के फैसले पर यूनुस ने क्या कहा?
कोर्ट के फैसले पर यूनुस ने कहा कि मुझे उस अपराध के लिए दंडित किया गया है, जो मैंने किया ही नहीं। वहीं, उनके वकील अब्दुल्ला अल मामून ने कहा कि हमें न्याय नहीं मिला, जबकि एक अन्य वकील ख्वाजा तनवीर ने मामले को बेबुनियाद, झूठा और दुर्भावना पूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले का एकमात्र उद्देश्य मोहम्मद यूनुस को दुनिया के सामने परेशान और अपमानित करना है।
Nobel laureate Professor Muhammad Yunus addresses the press following an unjust conviction, receiving a 6-month imprisonment and BDT 25,000 fine. This unprecedented punishment, for a crime he did not commit, reflects a disgraceful moment for Bangladesh. The world's most respected… pic.twitter.com/xm9CpBAlhX
— Anwar Md Hossain (@anwarh216) January 1, 2024
मोहम्मद यूनुस कौन हैं?
मोहम्मद यूनुस का जन्म 1940 में तटीय शहर चटगांव में हुआ। उनके पिता सुनार थे। उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई की। जब वे 1971 के युद्ध के बाद वापस बांग्लादेश लौटे तो उन्हें चटगांव यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग का प्रमुख बना दिया गया। उन्होंने गरीब लोगों को ऋण देने के लिए 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की, जिसके पास इस समय नौ मिलियन से अधिक ग्राहक हैं।
2006 में मिला नोबेल
यूनुस को ‘सबसे गरीब लोगों के लिए बैंकर’ के रूप में जाना जाता है। उन्हें 2006 में नोबेल के शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ाने में मदद की। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करते समय उन्होंने कहा था कि मनुष्य का जन्म भूख और गरीब का दु;ख झेलने क लिए नही हुआ है।
यूनुस पर 100 से अधिक मामले
प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुहम्मद यूनुस की नहीं बनती। दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। एक बार शेख हसीना ने यूनुस पर गरीबों का खून चूसने का आरोप लगाया था। यूनुस पर इस समय 100 से अधिक मामले चल रहे हैं।
यह भी पढ़ें: अब छुट्टियां मनाते हुए करें नौकरी, यह देश देने जा रहा बड़ी सुविधा, कैसे करें अप्लाई?
हसीना के 2008 में सत्ता में लौटने के बाद से यूनुस पर कई मामले चल रह हैं। उन पर समलैंगिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। उन्हें 2011 में ग्रामीण बैंक से बाहर कर दिया गया। इस फैसले के खिलाफ उन्होंने लड़ाई भी लड़ी, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
यूनुस जिस टेलीकॉम कंपनी के अध्यक्ष हैं, उस पर 2022 में कर्मचारियों के धन के गबन के आरोप में भ्रष्टाचार की जांच की गई थी। आलोचकों के मुताबिक, यह कदम राजनीति से प्रेरित था।
अमेरिकी राष्ट्रपति पदक से किया गया सम्मानित
मुहम्मद यूनुस को कई सम्मान मिले हैं। इसमें बराक ओबामा द्वारा प्रदान किया गया अमेरिकी राष्ट्रपति पदक भी शामिल है।
यह भी पढ़ें: Watch Video: 300 से ज्यादा यात्रियों से भरे जापान एयरलाइंस के जहाज में लगी आग, एयरपोर्ट पर मचा हड़कंप