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Nepal Gen Z Protest: 75 साल पुराने हैं भारत-नेपाल व्यापारिक संबंध, हर साल 75000 करोड़ का बिजनेस; हिंसा से करोड़ों का नुकसान

Nepal Gen Z Protest: हिंसा के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर पर सशस्त्र सीमा बल हाई अलर्ट पर है। नेपाल में फंसे भारतीयों को किसी तरह बॉर्डर तक लाकर देश वापस लाया जा रहा है। दोनों देशों में व्यापार मुख्य रूप से सड़क मार्ग से होता है। हिंसा के बाद यहां काकरवीटा-पनितांकी,रक्सौल-बीरगंज और सुनौली-भैरहवा समेत अन्य बॉर्डर बंद हैं।

Author Written By: Amit Kasana Author Published By : Amit Kasana Updated: Sep 10, 2025 15:04
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Nepal Gen Z Protest: नेपाल में हिंसा के बाद हालत तनावपूर्ण बने हुए हैं, यहां बॉर्डर सील हैं और सड़कों पर आगजनी के चलते मुख्य हाईवे बंद हैं। हिंसा के बाद नेपाल के भारत और अन्य पड़ोसी देशों से व्यापारिक रिश्ते पूरी तरह ठप्प हो गए हैं। बता दें भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक संबंध करीब 75 साल पुराने हैं।

दरअसल, साल 1950 में दोनों देशों के बीच शांति और मैत्री संधि हुई थी। जिसके बाद से दोनों ने एक-दूसरे से आयात-निर्यात के रास्ते खोले थे। इंडिया नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, नेपाल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दोनों देशों के बीच सालाना करीब 75000 करोड़ रुपये का व्यापार होता है।

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नेपाल भारत से कितना करता है आयात? दवा और वाहनों की खरीद फरोख्त ज्यादा

एक रिपोर्ट के अनुसार नेपाल के कुल आयात का करीब 60% भारत से जाता है। इसके अलावा नेपाल भारत के साथ दवाइयां, पेट्रोलियम उत्पाद, स्टील, वाहन, मशीनरी, कृषि, सीमेंट और खाद्य सामग्री समेत अन्य सामान का आयात-निर्यात करता है।

भारत-नेपाल के बीच क्या और कितना अदान-प्रदान?

भारत नेपाल को मोटर वाहन और उनके पुर्जे (8 प्रतिशत), दवाइयां (4 प्रतिशत), पेट्रोलियम उत्पाद (28 प्रतिशत), लोहे की छड़ें (7 प्रतिशत) और मशीनरी (3 प्रतिशत) निर्यात करता है। वहीं, नेपाल भारत को जूट उत्पाद (9 प्रतिशत), धागे (8 प्रतिशत), जिंक शीट (9 प्रतिशत), वस्त्र (9 प्रतिशत), पॉलिएस्टर यार्न (6 प्रतिशत), जूस (5 प्रतिशत), कत्था (4 प्रतिशत), इलायची (4 प्रतिशत), तार (4 प्रतिशत) आदि भेजता है। इसके अलावा नेपाल भारत को सोयाबीन तेल का री-एक्सपोर्ट करता है और बिजली भी निर्यात करता है।

भारत-नेपाल व्यापार को झटका, दोनों देशों को करोड़ों का नुकसान

मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर नेपाल में ये हालत 7-8 दिन और चलते हैं तो नुकसान करोड़ों रुपये में पहुंच सकता है। बता दें नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगाया था। जिसके बाद युवा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर पड़े। देखते ही देखते विरोध-प्रदर्शन ने विकराल रूप ले लिया। प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। हिंसा में आगजनी और तोड़फोड़ के बाद अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली इस्तीफा देकर देश छोड़कर जा चुके हैं।

मुख्य बॉर्डर बंद, SSB हाई अलर्ट पर

हिंसा के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर पर सशस्त्र सीमा बल (SSB) हाई अलर्ट पर है। नेपाल में फंसे भारतीयों को किसी तरह बॉर्डर तक लाकर देश वापस लाया जा रहा है। बता दें दोनों देशों में व्यापार मुख्य रूप से सड़क मार्ग से होता है। लेकिन हिंसा के बाद यहां काकरवीटा-पनितांकी,रक्सौल-बीरगंज, सुनौली-भैरहवा और नेपालगंज-रूपईडीहिा समेत अन्य बॉर्डर बंद हैं।

ये भी पढ़ें: भ्रष्टाचार…, कमजोर प्रशासन या जनता का असंतोष; नेपाल में सत्ता परिवर्तन का ‘सच’ क्या? भारत के लिए कितना खतरनाक

First published on: Sep 10, 2025 03:04 PM

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