Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ नहीं था कि उनके घर के बाहर भी प्रदर्शनकारियों का आंदोलन शुरू हो गया है. दरअसल, इस बार प्रदर्शन करने वाले नेपाल जेन-जी आंदोलन में जान गंवाने वाले युवाओं के परिजन हैं. वे पीएम कार्की से मुलाकात करना चाहते है क्योंकि उनका कहना है कि उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है. बता दें कि नारेबाजी और धरने के बाद सुशीला कार्की के घर के बाहर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है.
51 लोगों को हुई थी मौत
नेपाल में पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली की सरकार के खिलाफ युवाओं ने जेन जी प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन में करीब 51 लोगों की मौत हुई थी. इनमें 21 युवक प्रदर्शनकारी थे जबकि 1300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस हिंसान के दौरान नेपाल के अलग-अलग इलाकों से मौजूद जेलों से कैदी भी भाग गए थे. हालांकि, इसके बाद पीएम ओली को इस्तीफा देना पड़ा था. अब कार्की को कमान सौंपी गई है.
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सुशीला कार्की के ताबड़तोड़ फैसले
अंतिरम प्रधानमंत्री बनने वाली सुशीला कार्की को जेन-जी का समर्थन प्राप्त है. उन्हें सबसे ज्यादा मत दिए गए थे. उन्होंने पदभार संभालते ही कह दिया था कि वे सत्ता या कुर्सी का स्वाद नहीं चखना चाहती हैं, उनका सर्वोपरी दायित्व है देश में 6 महीने के अंदर चुनाव करवाना. उन्होंने सत्ता में आते ही पूर्व पीएम ओली पर पुलिस के दमन का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करवाई थी.
जेन-जी प्रतिनिधियों और कैबिनेट विस्तार के कामों में जुटी
दरअसल, सुशीला कार्की जबसे प्रधानमंत्री बनी हैं, तब से अपने दायित्वों का पालन करने में जुटी हुई है. शनिवार को देर रात तक Gen-Z प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श में लगी हुई थी. इसके अलावा, अन्य राजनीतिक दलों के साथ भी मीटिंग में व्यस्त थी। लेटेस्ट अपडेट्स के मुताबिक, सुशीला कार्की के कैबिनेट में चार नए मंत्रियों के नाम फाइनल हो चुके हैं. इनमें ओमप्रकाश अर्याल, रामेशवर खनल, कुलमान घिसिंग और बालानंद शर्मा है. आज इन्हें शपथ दिलाई जा सकती है.
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