Asteroids Earth Collision Today: धरती पर पिछले कई दिन से एस्ट्रॉयड की खूब बारिश हो रही है। आए दिन कोई न कोई एस्ट्रॉयड धरती की तरफ आ जाता है और वैज्ञानिकों को खतरा महसूस होने लगता है। एक बार फिर 2 एस्ट्रॉयड धरती की तरफ बढ़ रहे हैं। आज 24 सितंबर की रात को दोनों एस्ट्रॉयड धरती के काफी पास से गुजरेंगे। हालांकि दोनों के धरती से टकराने से संभावनाएं बेहद कम हैं, लेकिन फिर भी वैज्ञानिकों ने इनके धरती के करीब से गुजरने पर कंपन महसूस होने, भूकंप-तूफान जैसी घटनाएं होने की आशंका जताई है। इन एस्ट्रॉयड को धरती के पास से गुजरते हुए देखा भी जा सकता है।
Two peanut-shaped asteroids in one month?
That begs the question… How many peanut-shaped asteroids does it take to qualify as a peanut gallery??
---विज्ञापन---More on 2024ON, which safely flew past Earth on Tuesday: https://t.co/WjOqOxAYxG https://t.co/lTenZhZ7Mh pic.twitter.com/v1jgtxJqkM
— NASA JPL (@NASAJPL) September 18, 2024
स्पेशल दूरबीन से देखे जा सकते एस्ट्रॉयड
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एक एस्ट्रॉयड का नाम 2024 RO11 है, जो करीब 120 फुट का है और यह धरती के करीब 4580000 मील की रफ्तार से आ रहा है। दूसरे एस्ट्रॉयड का नाम 2020GE है, जो करीब 26 फुट का है, जो करीब 410000 मील दूर से धरती के करीब से गुजरेगा। यह दूसरी पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से थोड़ी ज्यादा है। नासा की जेट प्रोपल्शन लैब इन एस्ट्रॉयड पर नजर बनाए हुए हैं। हालांकि दोनों एस्ट्रॉयड से धरती को कोई खतरा नहीं, लेकिन स्पेशल दूरबीन से लोग इनकी झलक देख सकते हैं। कल 25 सितंबर की रात को भी एक एस्ट्रॉयड 2024 RK7 धरती के करीब से गुजरेगा और यह करीब 100 फीट व्यास का है।
यह भी पढ़ें:हेल्थ इंश्योरेंस कस्टमर्स सावधान! 3.1 करोड़ लोगों का डेटा, मेडिकल रिपोर्ट और मोबाइल नंबर लीक
क्या हैं एस्ट्रॉयड और कैसे बनते हैं?
बता दें कि एस्ट्रॉयड धातु और खनिज पदार्थों का मिश्रण होते हैं और चट्टान जैसे दिखते हैं। एस्ट्रॉयड ग्रहों की परिक्रमा करते रहते हैं। कुछ एस्ट्रॉयड धरती के करीब से गुजरते हैं तो कुछ घूमते-घूमते धरती के वायुमंडल में आ जाते हैं, तब इन्हें उल्का पिंड कहते हैं और लोगों को यह नंगी आंखों से भी नजर आ जाते हैं। इन उल्का पिंडों को आकाश में चमकीली रोशनी के रूप में देखा जा सकता है। एस्ट्रॉयड सौर मंडल के अवशेष हैं, जो 4.6 बिलियन वर्ष पहने बन गए थे। जब ग्रह अपने आकार में आ रहे थे, तब मिट्टी और गैस के कण आपस में टकराकर ग्रहों के छोटे-छोटे टुकड़े बन गए, जिन्हें एस्ट्रॉयड कहा जाता है। ज्यादातर एस्ट्रॉयड बृहस्पति ग्रह की बेल्ट में रहते हैं, जिसकी ग्रैविटी ने इन एस्ट्रॉयड को ग्रह बनने नहीं दिया।
यह भी पढ़ें:हाफ पैंट वाली गोल्ड मेडलिस्ट ‘नानी’ कौन? कैसे तय किया घुटनों के दर्द से Weighlifting का सफ़र