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प्रधानमंत्री मोदी ने घाना को दिए 3 अनमोल गिफ्ट्स, जानें क्या है इनकी खासियत?

PM Modi Ghana Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 देशों के दौरे पर हैं। इस क्रम में वे बुधवार को सबसे पहले पश्चिमी अफ्रीका के देश घाना पहुंचे। यहां उन्होंने भारत और घाना के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के साथ ही वहां के राष्ट्रपति व उनकी पत्नी और उपराष्ट्रपति को तीन अनमोल उपहार भी दिए। आइए जानते हैं कि इन उपहारों की क्या खासियत है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jul 3, 2025 18:40
PM Modi Ghana Visit
घाना के राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और उपराष्ट्रपति को दिए गए उपहार

PM Modi Ghana Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 देशों के दौरे पर हैं। बुधवार को उन्होंने अपनी इस यात्रा की शुरुआत पश्चिम अफ्रीका के देश घाना से की। उन्होंने घाना के राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और उपराष्ट्रपति के साथ सौहार्दपूर्ण मुलाकात की। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और घाना के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनयिक संबंधों को और मजबूत करना था। इस दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के नेताओं के साथ व्यापार, शिक्षा, और सतत विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा की और दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अवसरों पर भी बात की। इस अवसर पर, उन्होंने घाना के राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और उपराष्ट्रपति को भारत की प्रसिद्ध हस्तकला से बने तीन अनमोल उपहार भेंट किए। आइए जानते हैं कि उन तीन उपहारों की क्या खासियत है?

बिद्री कला का फूलदान

घाना के राष्ट्रपति को बिद्री कला का फूलदान भेंट किया गया। यह फूलदान कर्नाटक के बिदर से आता है, जो भारत की प्रसिद्ध बिद्री हस्तकला का एक शानदार नमूना है। इस फूलदान की गहरी काली सतह और उस पर चांदी की बारीक नक्काशी इसे बेहद आकर्षक बनाती है। यह फूलदान जस्ता और तांबे के मिश्रण से तैयार किया जाता है, जिसमें कारीगर पहले धातु को आकार देते हैं और फिर उस पर फूलों और पत्तियों जैसे सुंदर डिजाइन उकेरते हैं।

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इसके बाद, एक विशेष ऑक्सीकरण प्रक्रिया से इसे काला रंग दिया जाता है, और चांदी की पतली तारों से नक्काशी को और भी आकर्षक बनाया जाता है। इस फूलदान में उकेरे गए फूलों के डिजाइन सुंदरता और समृद्धि का प्रतीक हैं, जो इसे न केवल सजावट का एक शानदार सामान बनाते हैं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी बनाते हैं। यह फूलदान शादी, सालगिरह, त्योहारों या किसी खास अवसर के लिए एक आदर्श उपहार है, जो पारंपरिक और आधुनिक कला का सुंदर मेल प्रस्तुत करता है।

चांदी की तारकशी पर्स

घाना के राष्ट्रपति की पत्नी को चांदी की तारकशी पर्स भेंट किया गया। यह ओडिशा के कटक से आता है, जो तारकशी कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह कला 500 साल से भी अधिक पुरानी है और अपनी बारीक कारीगरी के लिए विश्वविख्यात है। इस पर्स को बनाने के लिए कारीगर चांदी की पतली तारों का उपयोग करते हैं, जिन्हें बारीकी से मोड़कर फूलों और लताओं जैसे नाजुक डिजाइन बनाए जाते हैं।

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यह पर्स हल्का होने के साथ-साथ मजबूत और बेहद सुंदर है, जो इसे एक अनोखा और आकर्षक उपहार बनाता है। पहले तारकशी कला का उपयोग मुख्य रूप से गहनों के लिए होता था, लेकिन अब इसे पर्स जैसे आधुनिक सामानों में भी देखा जा सकता है, जो पारंपरिक और आधुनिक शैली का सुंदर संगम दर्शाता है। यह पर्स न केवल उपयोगी है, बल्कि ओडिशा की समृद्ध हस्तकला परंपरा और भारतीय संस्कृति का प्रतीक भी है।

कश्मीरी पश्मीना शॉल

घाना के उपराष्ट्रपति को कश्मीरी पश्मीना शॉल भेंट किया गया। यह भारत की प्रसिद्ध कश्मीरी हस्तकला का प्रतीक है। यह शॉल अपनी असाधारण कोमलता, गर्माहट और हल्केपन के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यह शॉल कश्मीर की चांगथांगी बकरी के मुलायम ऊन से बनाया जाता है। इस ऊन को पहले हाथ से काता जाता है, फिर करघे पर बुनकर शॉल का आकार दिया जाता है। इसके बाद, कारीगर इस पर फूलों और पैंसली जैसे पारंपरिक डिजाइनों की बारीक कढ़ाई करते हैं, जिसमें हफ्तों या महीनों का समय लग सकता है। पश्मीना शॉल इतना हल्का और मुलायम होता है कि इसे सर्दियों में गर्माहट के लिए पहना जा सकता है, और यह एक फैशन स्टेटमेंट के रूप में भी जाना जाता है। इसकी कढ़ाई कश्मीरी संस्कृति की झलक देती है और भारत की समृद्ध वस्त्र परंपरा को दर्शाती है। यह शॉल न केवल एक सुंदर और उपयोगी उपहार है, बल्कि भारतीय कारीगरों की मेहनत और कला का गौरव भी प्रदर्शित करता है।

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First published on: Jul 03, 2025 06:40 PM

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