Mysterious QR Codes: जरा सोचिए आप किसी अपने की कब्र पर जाते हैं और वहां एक रहस्यमयी QR कोड चिपका हुआ दिखता है। जब आप उसे स्कैन करते हैं, तो स्क्रीन पर उस व्यक्ति का नाम और लोकेशन दिखाई देता है। ऐसा ही अजीब नजारा जर्मनी के म्यूनिख में देखने को मिला जहां हजार से ज्यादा कब्रों पर छोटे-छोटे QR कोड चिपके हुए मिले। यह देखकर लोग हैरान रह गए। कुछ ने इसे कोई मार्केटिंग चाल बताया, तो कुछ ने किसी अज्ञात लोगों की शरारत। लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो वह और भी दिलचस्प निकली। आइए जानते हैं पूरा मामला…
कब्रों पर लगे रहस्यमयी QR कोड से मचा हड़कंप
जर्मनी के म्यूनिख में पिछले कुछ महीनों से कब्रों पर लगे रहस्यमयी QR कोड का मामला लोगों के लिए पहेली बना हुआ था। दिसंबर में कब्रिस्तान जाने वाले लोगों ने जब इन छोटे-छोटे स्टिकर्स को कब्रों पर देखा, तो कई तरह की अटकलें लगाई गईं। कुछ लोगों ने इसे एक मार्केटिंग स्टंट बताया, तो कुछ ने इसे शरारती लोगों की हरकत बताया। ये QR कोड कब्रों पर चिपकाए गए थे और जब इन्हें स्कैन किया जाता, तो उस कब्र में दफन व्यक्ति का नाम और स्थान दिखाई देता। ये स्टिकर्स म्यूनिख के वॉल्डफ्राइडहॉफ, सेंडलिंगर फ्राइडहॉफ और फ्राइडहॉफ सोलन कब्रिस्तानों में लगे थे। कब्रिस्तान प्रशासन के प्रमुख बर्नड होरॉफ ने भी इसे बेहद अजीब घटना बताया और कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इन स्टिकर्स का मकसद क्या हो सकता है।
Mysterious QR code stickers appear on more than 1,000 graves in Munichhttps://t.co/PWsYKFnqHx
— Sky News (@SkyNews) February 20, 2025
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जांच में सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई
इस मामले की जांच शुरू हुई, क्योंकि कब्रों से स्टिकर्स हटाने में काफी खर्च आ रहा था। आखिरकार यह खुलासा हुआ कि एक स्थानीय बागवानी कंपनी इसके पीछे थी। यह कंपनी कब्रों की सफाई और मरम्मत का काम करती थी और उसने अपने कर्मचारियों की सुविधा के लिए QR कोड स्टिकर्स लगाए थे ताकि यह पता चल सके कि कौन-सी कब्र की सफाई हो चुकी है और कौन-सी बाकी है। कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक अल्फ्रेड जानकर ने बताया कि उनकी कंपनी बड़े स्तर पर काम करती है और सभी कार्य व्यवस्थित रूप से करने पड़ते हैं। कब्रों की मरम्मत के लिए पत्थर को हटाकर सफाई करनी पड़ती है और फिर उसे वापस लगाना पड़ता है, जिससे यह प्रक्रिया मुश्किल हो जाती है।
कब्रिस्तान को हुआ भारी नुकसान
पुलिस ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में स्टिकर चिपकाने से कब्रिस्तानों को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान का अनुमान करीब 500,000 यूरो (लगभग 4.5 करोड़ रुपये) लगाया गया है। म्यूनिख में कब्रों पर QR कोड पहले से ही लगाए जाते हैं, लेकिन वे खास मकसद से होते हैं। ये कोड डिजिटल यादों और श्रद्धांजलि के लिए बनाए जाते हैं और खासतौर पर पत्थर पर उकेरे या धातु की प्लेट पर लगाए जाते हैं। इस अजीब मामले से लोग चौंक गए थे, लेकिन अब सच्चाई सामने आने के बाद स्थिति साफ हो गई है।