---विज्ञापन---

कोरोना की तरह Mpox भी बदल रहा रूप, म्यूटेशन की रफ्तार देख वैज्ञानिक घबराए; क्या बढ़ेगा खतरा?

Mpox Deadly And Fast Mutation : दुनिया के लिए इस समय संकट बनी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों की बात की जाए तो एमपॉक्स का नाम फिलहाल सबसे ऊपर रखा जाएगा। पहले ही चिंता का कारण बने इस वायरस ने वैज्ञानिकों के बीच अपना डर और गहरा कर लिया है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Aug 29, 2024 22:10
Share :
Mpox Mutation

Mpox Mutation : कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान एक समय में पूरी दुनिया की रफ्तार थम गई थी। बड़ी मुश्किल के बाद हालात सामान्य हुए तो अब एमपॉक्स के रूप में नया खतरा सामने आ गया। संकट की बात यह है कि इस यूरोप में फैला घातक एमपॉक्स वायरस काफी तेजी से नए स्ट्रेन्स में म्यूटेट कर रहा है। म्यूटेशन की यह रफ्तार देख वैज्ञानिकों के माथे पर भी चिंता की लकीरें बनने लगी हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस उम्मीद से कहीं ज्यादा तेजी से म्यूटेट कर रहा है और इससे इसके नए स्ट्रेन्स की गंभीरता और संक्रामकता को ट्रैक करने में मुश्किल होगी।

एमपॉक्स को पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था। अफ्रीका के कई हिस्सों में यह 1970 के दशक से फैल रहा है। वैश्विक स्तर पर इसे लेकर चिंता जब शुरू हुई जब साल 2022 में इसका क्लेड 2 (Clade 2) वर्जन 100 से अधिक देशों में पहुंच गया था। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने इसे लेकर वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी लागू कर दी थी जो 10 माह तक चली थी। अब इस वायरस के नए स्ट्रेन क्लेड 1 बी (Clade 1 B) ने दुनिया का ध्यान एक बार फिर अपनी ओर खींचा जब डब्ल्यूएचओ ने नई इमरजेंसी जारी की। नया स्ट्रेन ज्यादा घातक और संक्रामक बताया जा रहा है।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: Mpox को लेकर फैल रहे हैं कई झूठ! कितनी खतरनाक है ये बीमारी? जानिए Myths

ये भी पढ़ें: एक और एयरलाइन पर मंडराया खतरा! DGCA ने इस कंपनी को सर्विलांस पर रखा

एशिया में भी पहुंचा नया वेरिएंट

द सन की एक रिपोर्ट के अनुसार यह नया स्ट्रेन एमपॉक्स के क्लेड 1 वायरस का म्यूटेटेड वर्जन है। उल्लेखनीय है कि यह क्लेड 1 वेरिएंट दशकों से डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में महामारी बना हुआ है। नया क्लेड 1 बी वायरस संक्रमित व्यक्ति के करीबी संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस अफ्रीकी देशों के अलावा यूरोप और एशिया में भी पहुंच चुका है। वैज्ञानिक इसे लेकर इतना चिंतित इसलिए हैं क्योंकि इसके म्यूटेशन की रफ्तार उम्मीद से कहीं ज्यादा है जिससे इसे ट्रैक करना बहुत मुश्किल काम हो गया है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि यह लगातार रूप बदल रहा है।

ये भी पढ़ें: जल्द ही भारत में भी मिलने लगेगा फ्लाइट में इंटरनेट! हाईटेक काम कर रहा ISRO

HISTORY

Edited By

Gaurav Pandey

First published on: Aug 29, 2024 10:10 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें