प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति को दोहराते हुए कहा है कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने आज अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लोरेंसू के साथ हुई बातचीत के दौरान पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और अंगोला की एकजुटता के लिए उनका आभार जताया।
मानवता का सबसे बड़ा खतरा- आतंकवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में अंगोला के समर्थन की सराहना करते हैं। हम दोनों इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। भारत आतंकवाद के सभी रूपों और उसके समर्थनकर्ताओं के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है।”
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अंगोला-भारत द्विपक्षीय संबंधों की पृष्ठभूमि
भारत और अंगोला के संबंध ऐतिहासिक और सौहार्दपूर्ण रहे हैं।1975 में अंगोला की स्वतंत्रता के तुरंत बाद भारत उन पहले देशों में शामिल था जिन्होंने अंगोला को मान्यता दी थी। दोनों देशों के बीच ऊर्जा, खनिज, कृषि, तकनीकी सहयोग और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार सहयोग बढ़ रहा है। भारत, अंगोला में कई विकास परियोजनाओं में भागीदार रहा है और वहां की मानव संसाधन क्षमता निर्माण में भी सहयोग करता रहा है।
Addressing the press meet with President João Lourenço of Angola. @jlprdeangola https://t.co/DVlVpOWhzp
— Narendra Modi (@narendramodi) May 3, 2025
व्यापार और रणनीतिक सहयोग को मिली नई दिशा
हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय यात्राएं और द्विपक्षीय समझौते बढ़े हैं, जिससे व्यापार और रणनीतिक सहयोग को नई दिशा मिली है। आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, वैश्विक मंचों पर समर्थन और विकासशील देशों के हितों की साझा पैरवी इस संबंध को और गहरा बनाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से अंगोला के राष्ट्रपति का आभार जताना इस बात का संकेत है कि भारत आतंकवाद जैसे वैश्विक खतरे से लड़ने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को अहम मानता है।
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