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भारतीय सैनिकों को लेकर अब क्या बोले Maldives के राष्ट्रपति? मोहम्मद मुइज्जू का संसद में बयान

Indian troops to leave Maldives: इसके पहले मालदीव ने भारत से 15 मार्च तक अपनी मिलिट्री हटाने को कहा था। 1988 में भारत की मिलिट्री की मालदीव में एंट्री हुई थी। उस समय भारत ने मालदीव को बचाया था।

Edited By : Shubham Singh | Updated: Feb 5, 2024 17:29
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Maldives President Mohammed Muizzu
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (ANI)

Maldives President Mohammed Muizzu said Indian forces leave before May: मालदीव और भारत के बीच शुरू हुआ तनाव का सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा लगता है कि मालदीव ने भारत से पूरी तरह संबंध खराब करने का मन बना लिया है। वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के हालिया बयानों से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हाल के उनके कई कदमों से पता चलता है कि वे भारत के साथ संबंध खराब करने चाहते हैं। इस बीच खबर आई है कि मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी 10 मई से पहले हो जाएगी।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने बताया कि 10 मार्च को सैनिकों के पहले ग्रुप को वापस भेजा जाएगा। उनका कहना है कि इसपर सहमति बन गई है। मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है और वे पद संभालने के बाद 5 दिवसीय चीन दौरे पर भी गए थे। चीन के प्रति मुइज्जू का झुकाव ही अपने निकट और महत्वपूर्ण पड़ोसी भारत से संबंध खराब करने की वजह है।

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कितने भारतीय सैनिक हैं मालदीव में

मुइज्जू ने कहा कि वह मालदीव के लोगों की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा करेंगे और उनका देश बाहरी दबाव में नहीं झुकेगा। मुइज्जु ने मालदीव की संसद में भारत पर निशाना साधा है। इसके पहले नवंबर 2023 में उन्होंने भारत से अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कहा था। मालदीव सरकार का कहना है कि वहां भारत के 88 सैनिक मौजूद हैं। भारत ने मालदीव की मदद के लिए डॉर्नियर विमान और हेलिकॉप्टर भी दिया था।

सैनिकों को हटाना था मुइज्जू का एजेंडा

सरकार में आने के बाद मुइज्जू का सबसे बड़ा एजेंडा भारत के सैनिकों को वहां से हटाना था। मुइज्जू ऐसा करके एक भू राजनीतिक संदेश भेजना चाहते हैं। इतिहास में अक्सर मालदीव के नए राष्ट्रपति पद संभालने के बाद भारत का दौरा करते हैं लेकिन मुइज्जु ने इस परंपरा को तोड़ दिया। वे पहली यात्री पर तुर्की चले गए। भारत मालदीव की आर्थिक मदद भी करता रहा है। बता दें कि मालदीव में भारत के सैनिक 1988 में पहली बार पहुंचे थे।  तब वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति ने भारत से कहा था कि उनकी मिलिट्री सरकार को हटाना चाहती है इसलिए भारत अपने सैनिकों को हमारी मदद के लिए भेजे। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन कैक्टस के तहत अपनी मिलिट्री को मालदीव भेजा था।

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First published on: Feb 05, 2024 05:29 PM

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