जापान के पूर्वोत्तर तट के पास 7.6 तीव्रता का बड़ा भूकंप आया है. भूकंप का केंद्र मिसावा शहर के पूर्वोत्तर में 70-73 किमी दूर और 50 किमी गहराई पर था. भूकंप के बाद ऊंची सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. भूकंप के तुरंत बाद होक्काइडो, आओमोरी और इवाते प्रांतों के लिए 3 मीटर यानी 10 फीट तक ऊंची सुनामी की चेतावनी जारी की गई. इसके अलावा मियागी और फुकुशिमा के लिए भी सतर्क रहने की एडवाइजरी जारी की गई है. प्रशासन ने तटीय इलाकों के निवासियों को ऊंचे स्थानों पर तुरंत भागने की सलाह दी है. ताकि वे लोग सुनामी के प्रकोप से बच सकें.
जापान में 7.6 तीव्रता वाला भूकंप, सुनामी का अलर्ट जारी#BreakingNews #JapanEarthquake #earthquake pic.twitter.com/DXJqgdlLxj
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भूकंप और सुनामी के अलर्ट की वजह से लोग डर गए. इंटरनेट पर भूकंप के कई वीडियो शेयर किए गए हैं. इन वीडियो में मकान और गाड़ियां हिलती हुई दिख रही हैं. जापान के कई दफ्तरों के वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें लोग खुद को बचाने की कोशिश करते हुए दिख रहे हैं. वहीं, रेजिडेंशियल इलाकों में लोग अपने घरों से बाहर आ गए. सुनामी के अलर्ट के बाद लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित क्षेत्रों की तरफ भागने लगे.
जापान में अक्टूबर महीने में भी होंशू के पूर्वी तट के पास भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. उस वक्त रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई थी. हालांकि, उस भूकंप में किसी तरह के नुकसान या हताहत होने की कोई खबर नहीं थी.
जापान में अक्सर क्यों आते हैं भूकंप?
जापान प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ के किनारे बसा है, जो ज्वालामुखी क्षेत्र में होने के कारण भूकंप के मद्देनजर बेहद संवेदनशीन एरिया है.जापान 4 प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स के जंक्शन प्रशांत प्लेट, फिलीपींस सागरीय प्लेट, यूरेशियन प्लेट और नॉर्थ अमेरिकी प्लेट पर बसा है. इन प्लेट्स के आपस में टकराने, खिसकने या नीचे धंसने से निकलने वाली तरंगें धरती पर भूकंप का कारण बनती हैं. क्योंकि 4 प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो तरंगें ज्यादा निकलती हैं.
3 प्लेट्स के नीचे धंस रही है प्रशांत प्लेट
वैज्ञानिकों के अनुसार, जापान के पूर्वी तट पर प्रशांत प्लेट अन्य 3 प्लेट्स के नीचे धंस रही है, जिस वजह से इस इलाके में सिस्मिक एक्टिविटी बढ़ रही हैं. दरअसल, दुनियाभर के भूकंपीय जोन का करीब 18 से 20 प्रतिशत हिस्सा जापान और उसके आस-पास के क्षेत्र में है. चारों प्लेट्स के बीच का घर्षण भी तरंगें पैदा करता है, जो ज्वालामुखी विस्फोट का कारण बनती हैं. वहीं अगर ज्वालामुखी विस्फोट हो और साथ में भूकंप आए तो समुद्र में जलजला आने से सुनामी आने का खतरा रहा है.










