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कनिष्क विमान हादसा: मिस्टर X ने इस जगह किया था बम टेस्ट, कार्गो शिप के पूर्व अधिकारी ने क्या कहा?

23 जून 1985 को मॉन्ट्रियल से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट 182 को खालिस्तानी आतंकवादियों ने निशाना बनाया और हवा में ही विस्फोट कर दिया गया था। इस भयानक घटना में 329 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 80 से अधिक बच्चे शामिल थे। हाल ही में, कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने दावा किया है कि उन्होंने उस शख्स की पहचान कर ली है, जिसने उड़ान के कुछ हफ्ते पहले बम की टेस्टिंग की थी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 23, 2025 22:55
Kanishka bombing
बम ब्लास्ट के बाद एअर इंडिया विमान के टुकड़े

23 जून 1985 को एअर इंडिया की फ्लाइट 182 ‘कनिष्क’ में खालिस्तानी हमला हुआ था। यह फ्लाइट मॉन्ट्रियल से लंदन जा रही थी। इस फ्लाइट को खालिस्तानी आतंकवादियों ने निशाना बनाया और हवा में ही विस्फोट कर दिया गया। इस भयानक घटना में 329 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 80 से अधिक बच्चे शामिल थे। यह दुनिया के सबसे घातक हवाई आतंकवादी हमलों में से एक था और कनाडा के इतिहास में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला रहा।

सबसे बड़े खालिस्तानी आतंकी की पहचान

23 जून को इस बम विस्फोट की दिल दहला देने वाली घटना की 40वीं बरसी मनाई गई है। इस दौरान कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने दावा किया है कि उन्होंने उस शख्स की पहचान कर ली है, जिसने उड़ान के कुछ हफ्ते पहले बम की टेस्टिंग की थी। इस शख्स को ‘मिस्टर X’ के नाम से जाना जाता था और अब उसकी पहचान हो गई है, हालांकि उसका नाम गोपनीय रखा गया है क्योंकि उसकी मौत हो चुकी है।

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RCMP के मुताबिक, ‘मिस्टर X’ ने तालविंदर सिंह परमार और इंदरजीत सिंह रेयात के साथ मिलकर बम का परीक्षण किया था। परमार खालिस्तान मूवमेंट का नेता था, और रेयात को पहले ही इस घटना में शामिल होने के लिए सजा सुनाई जा चुकी है। ‘मिस्टर एक्स’ की पहचान लंबे समय से एक पहेली बनी हुई थी, लेकिन अब इस पहेली को सुलझा लिया गया है।

यहां हुआ था बम टेस्ट

रिपोर्ट्स की मानें तो मिस्टर एक्स ने इस हमले के मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार के साथ ब्रिटिश कोलंबिया की यात्रा की थी और इन्ही दोनों ने इलेक्ट्रीशियन के साथ मिलकर रियात के जंगलों में बम टेस्ट किया था।

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काफी लंबी चली जांच

इस घटना की जांच लंबी और जटिल रही है। कई सालों तक, अधिकारी ‘मिस्टर एक्स’ की पहचान नहीं कर पाए थे। हालांकि नई तकनीकों और खुफिया जानकारी के जरिए अब यह संभव हो पाया है। हालांकि, उसका नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन इस पहचान से जांच में एक नया मोड़ आया है। आरसीएमपी के सहायक आयुक्त डेविड टेबोल ने बतायाा कि इस खालिस्तानी हमले की जांच अभी जारी है।

पीड़ितों को किया गया याद

कनिष्क बम विस्फोट की 40वीं बरसी पर, पीड़ितों के परिवार और दुनिया भर के लोगों ने इस घटना को याद किया। इस साल, भारत, कनाडा, और आइरलैंड के प्रतिनिधि कॉर्क, आइरलैंड में एकत्र हुए, जहां विमान के मलबे गिरे थे। इस मौके पर, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता का आह्वान किया और कहा कि इस तरह की त्रासदियां कभी न दोहराई जाएं।

मार्क ने बताई घटना की भयावहता

घटनास्थल से करीब 100 मील दूर एक कार्गो शिप पर ड्यूटी कर रहे मार्क ने बताया कि ‘उनका शिप कनाडा से आइरलैंड की ओर जा रहा था, तभी उन्हें एक संदेश मिला कि एक विमान से संपर्क टूट गया है और हमें उसकी तलाश करनी है। थोड़ी देर बाद, हमें एक नया संदेश मिला, जिसमें बताया गया कि गायब विमान एक 747 था, जिसमें 329 लोग सवार थे।’

मार्क ने आगे कहा कि ‘हमने समुद्र में पहली चीज देखी, जो एक खाली एस्केप स्लाइड थी। हमने इस जानकारी को ब्रॉडकास्ट किया लेकिन 1985 में, हम तैयार नहीं थे। उस दिन के लिए ट्रेनिंग नहीं थी और उपकरण भी नहीं थे। फिर भी, मैंने स्कॉटलैंड, इंग्लैंड, आइरलैंड, नॉर्वे से समुद्री लोगों को, स्पेन से मछुआरों को, रॉयल एयर फोर्स, रॉयल नेवी, और अमेरिकी एयर फोर्स से एयरमैन को असाधारण बहादुरी और इमोशन्स दिखाते हुए देखा, लेकिन फिर भी, किसी को भी नहीं बचाया जा सका।’

मार्क ने कहा कि ‘उस दिन जो हुआ, वो वहां मौजूद लोगों के लिए बहुत ज्यादा था। उस डर, दुख और तकलीफ ने हमें हमेशा के लिए बदल दिया।’ उन प्रभावों और यादों में कोई कमी नहीं आई है, और वे अंधेरे और एकांत दिनों और रातों की ओर ले जाती हैं।’

First published on: Jun 23, 2025 08:36 PM

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