इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने ब्रिटेन द्वारा आयोजित एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के बाद बड़ा बयान दिया है। मेलोनी ने कहा कि इटली यूक्रेन में रूस के खिलाफ सेना भेजने की कोई योजना नहीं बना रहा है। पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने शनिवार को कहा कि ब्रिटेन द्वारा आयोजित एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को देखते हुए संभावित युद्धविराम की रक्षा के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास किया गया था। मेलोनी ने कहा कि इटली संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी भागीदारों के साथ मिलकर काम करने को उत्सुक है। इटली किसी भी देश की सुरक्षा गारंटियों के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करना चाहता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे यूक्रेन की धरती पर किसी भी संभावित सैन्य बल को भेजने की इच्छुक नहीं हैं।
जंग रोकने में भारत को बता चुकीं अहम
बता दें कि इटली की प्रधानमंत्री यूक्रेन-रूस संघर्ष को लेकर कह चुकी हैं कि जंग को खत्म करवाने में भारत अहम भूमिका निभा सकता है। फरवरी 2022 से ही रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग जारी है। पिछले साल जब इटली की पीएम ने यह टिप्पणी की थी, उस समय यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की भी उनके साथ मौजूद थे। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद कह चुके हैं कि भारत इस युद्ध को खत्म कराने में कारगर रोल अदा कर सकता है।
चीन से भी अपील कर चुकी हैं मेलोनी
मेलोनी दुनियाभर के देशों से अपील कर चुकी हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करें। ऐसा नहीं करने से आपसी संघर्ष व संकट और बढ़ेगा, इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था प्राकृतिक रूप से प्रभावित होगी। जंग को रोकने में मेलोनी ने चीन से भी कदम उठाने का आग्रह किया था। मेलोनी ने हाल ही में सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा भी की थी। इस दौरान वे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) से मिली थीं। दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। इन समझौतों से ज्यादा जॉर्जिया मेलोनी के मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की तस्वीरों की चर्चाएं हुई थीं। सऊदी अरब जैसे देश में जॉर्जिया मेलोनी ने न तो सिर पर स्कॉर्फ रखा था और न ही अपनी पोशाक में कोई बदलाव किए थे।
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