इजराइल की सेना का दावा है कि उसने फिलिस्तीनी क्षेत्र के सबसे बड़े शहर गाजा के 40 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है, क्योंकि सेनाएं इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की तैयारी कर रही हैं। सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने एक वीडियो बयान में कहा, “आज गाजा शहर के 40 प्रतिशत क्षेत्र पर हमारा कब्जा है। आने वाले दिनों में अभियान का विस्तार और तीव्रता जारी रहेगी।”
सैन्य प्रवक्ता ने आगे कहा, “हम हमास पर तब तक दबाव बढ़ाते रहेंगे जब तक उसे हरा नहीं दिया जाता।” रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह कार्रवाई पिछले महीने इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज द्वारा गाजा शहर पर कब्जा करने की सैन्य योजना को मंजूरी देने और लगभग 60,000 रिजर्व सैनिकों को अधिकृत करने के बाद की गई है। इस अभियान को “गिडियन्स चैरियट्स बी” नाम दिया गया है।
हमास ने इजराइल पर लगाए आरोप
इजराइल के नए हमले को लेकर हमास ने निंदा की और बताया कि यह लगभग दो साल से चल रहे संघर्ष में युद्ध विराम और बंधक रिहाई समझौते तक पहुंचने के प्रयासों के प्रति इजरायल की उपेक्षा को दिखा रहा है। हमास ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर किसी भी समझौते के लिए रुकावट बनने का आरोप लगाया, साथ ही इजरायली बंधकों के जीवन की परवाह नहीं करने की बात कही है।
वहीं एक इजराइली अधिकारी ने कहा कि सरकार इस बात पर अडिग है कि किसी भी समझौते में सभी बंधकों की रिहाई शामिल होनी ही चाहिए। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब मध्यस्थ युद्धविराम सुनिश्चित करने के प्रयास तेज कर रहे हैं।
वहीं हमास ने संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने की अपील की है क्योंकि इजरायल ने उसके युद्ध विराम प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है और पश्चिमी तट पर कब्जा करने सहित गाजा में सैन्य अभियान बढ़ाने की धमकी दी है। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को एक बयान में समूह ने गाजा युद्ध विराम को स्वीकार करने तथा फिलिस्तीनी कैदियों के बदले सभी इजरायली बंदियों को रिहा करने की बात दोहराई।
यह भी पढ़ें : पुतिन और किम जोंग की मुलाकात के बाद क्राइम स्पॉट जैसे वीडियो ने मचाया तहलका, स्टाफ ने क्यों मिटाए सबूत?
इसके साथ ही हमास ने गाजा शहर में कई परिवारों के खत्म हो जाने तथा बच्चों समेत कई लोगों के भूख से मरने का दवा किया और इजरायल पर भयानक युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया। इस पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस की तरफ से जारी एक बयान में कहा है कि यह हमास द्वारा फैलाया गया झूठ है, जिसमें कुछ भी नया नहीं है।