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सच साबित हुआ Trump का यह दावा, परमाणु केंद्र ‘फोर्डो’ पर ईरान ने दिया बड़ा बयान

Israel-Iran war: अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करके बड़ी क्षति होने का दावा किया था लेकिन एक रिपोर्ट और सेटेलाइट तस्वीरों में बड़े नुकसान की बात साफ नहीं हो पा रही थी। अब ईरान के विदेश मंत्रालय के बाद लोगों का ध्यान अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के दावे की तरफ गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jun 25, 2025 19:21
ईरान के फोर्डो स्थित परमाणु सेंटर। फाइल फोटो।

Israel-Iran war: बीते हफ्ते अमेरिका ने ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ चलाकर ईरान के गुप्त एटमी ठिकाना फोर्डो पर मिसाइलें गिराईं थीं। इसमें अमेरिका ने भारी क्षति होने का दावा किया था। इसके बाद सोमवार को इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। हालांकि सीएनएन रिपोर्ट में सामने आया था कि फोर्डो परमाणु केंद्र को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। इसपर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान दिया था कि Iran का सबसे बड़ा परमाणु संयत्र अमेरिकी हमलों के बाद पूरी तरह बर्बाद हो गया है। हालांकि अब ईरान ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया है।

क्या बोले ईरान के विदेश प्रवक्ता?

मीडिया से बात करते हुए ईरान के विदेश प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने बताया कि यह निश्चित है कि हमारे परमाणु प्रतिष्ठानों को बुरी तरह क्षति पहुंची है। हालांकि वह विस्तार से जानकारी देने से बचते नजर आए। बाघेई के बयान से ट्रंप का दावा सही साबित हुआ है।

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क्यों ट्रंप को दोबारा देना पड़ा था बयान?

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान के फोर्डो में स्थित भूमिगत परमाणु संस्थान को भारी नुकसान पहुंचाने का दावा किया। सीएनएन ने अपनी एक रिपोर्ट में फोर्डो में ज्यादा नुकसान नहीं होने की बात कही। इसके अलावा कुछ सेटेलाइट तस्वीरें जारी हुईं, जिसमें फोर्डो का बड़ा हिस्सा सुरक्षित दिख रहा था। तब से फोर्डो पर नुकसान पर सही जानकारी सामने नहीं आ पा रही थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को फिर फोर्डो को बड़ा नुकसान होने का दावा किया।

कहां स्थित है फोर्डो?

ईरान के फोर्डो शहर स्थित न्यूक्लियर प्लांट जमीन केअंदर है। यह हरे-भरे पहाड़ों के भीतर करीब 300 फीट अंदर है। यह ईरान का उसका सबसे गुप्त और सुरक्षित एटमी ठिकाना है।

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कब शुरू हुआ था ईरान का परमाणु कार्यक्रम

ईरान में परमाणु कार्यक्रम अमेरिका के सहयोग से साल 1950 में शुरू हुआ था। 1970 के दशक में बिजली रिएक्टरों की योजनाओं के साथ इसका विस्तार हुआ। 1979 की ईरानी क्रांति के बाद इसे रोक दिया गया। 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध के दौरान गुप्त रूप से फिर से शुरू किया गया। वर्तमान में ईरान के पास 8 से 10 परमाणु बम बनाने के लिए यूरेनियम का भंडार है।

First published on: Jun 25, 2025 07:10 PM

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