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मंदिर में तोड़-फोड़, हिंदुओं पर पथराव, पुजारी गिरफ्तार; बांग्लादेश में Iskcon पर विवाद क्यों-कहां से हुआ शुरू?

Bangladesh Iskcon Temple Controversy: बांग्लादेश में इस्कॉन और हिंदू मंदिरों को लेकर बवाल छिड़ा है। पिछले कई दिन से तोड़-फाेड़, पथराव का दौर जारी है। पुजारियों को गिरफ्तार करके जेल में डाला गया है। आइए जानते हैं कि आखिर मामला क्या है और विवाद क्यों हो रहा है?

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Dec 1, 2024 08:06
Bangladesh Hindu Temples Controversy
Bangladesh Hindu Temples Controversy

Bangladesh Iskcon Temple Controversy: बांग्लादेश में एक बार फिर बवाल छिड़ा हुआ है। अल्पसंख्यक समुदाय खास तौर पर हिंदू समुदाय को लेकर हंगामा हो रहा है। इस्कॉन टेंपल समेत हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। इस्कॉन टेंपल बंद करा दिया गया है। इस्कॉन टेंपल से जुड़े 17 लोगों के बैंक खातें फ्रीज कर दिए गए हैं। टेंपल के पूर्व सदस्य चिन्मय कृष्ण दास प्रभु का बैंक खाता भी फ्रीज है।

यह कार्रवाई तब की गई जब बांग्लादेश हाईकोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेनता सोसायटी (इस्कॉन) पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। इसके बाद चिन्मय प्रभु को सभी पदों से हटा दिया गया। इसके बाद बांग्लादेश के चट्टोग्राम में भीड़ ने 3 हिंदू मंदिरों शांतानेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर में तोड़-फोड़ की। हिंदुओं पर पथराव करके खून बहाया गया। इसके बाद चिन्यम प्रभु को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया गया।

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चिन्मय प्रभु को नहीं दी गई जमानत

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब बांग्लादेश पुलिस ने हिंदू आध्यात्मिक संगठन इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के 2 और पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने शनिवार (30 नवंबर) को यह दावा किया। गिरफ्तार किए गए पुजारियों की पहचान रुद्रप्रोति केसब दास और रंगनाथ श्यामा सुंदर दास के रूप में हुई है। उन्हें तब पकड़ा गया, जब वे चिन्मय प्रभु से मिलने जेल गए थे।

राधारमण दास ने हैशटैग FreeISKCONMonks Bangladesh के साथ पोस्ट लिखकर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चिन्मय प्रभु बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता थे। उन्हें सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ़्तार किया गया। उस समय वे एक रैली करने के लिए चटगांव जा रहे थे। चटगांव की छठी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट चिन्मय प्रभु को जमानत देने से इनकार कर दिया और उन्हें जेल भेज दिया।

 

क्यों और कहां से शुरू हुआ विवाद?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय प्रभु अक्टूबर 2024 में चटगांव में भगवा झंडा फहराया। उन्होंने बांग्लादेशी झंड फहराने से इनकार कर दिया। इसे देश के झंडे का अपमान माना गया। बांग्लादेशी अधिकारियों ने चिन्मय प्रभु पर देशद्रोह का आरोप लगाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी के विरोध में बांग्लादेशी हिंदू सड़कों पर उतर गए और विरोध प्रदर्शन करते हुए बवाल काटा।

इस बीच चिन्मय को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया। इसके विरोध में कोर्ट में हिंसा भड़की। हिंसा में 32 वर्षीय वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत हो गई। बांग्लादेश के कट्टरपंथियों ने वकील की हत्या के लिए चिन्मय के समर्थकों को वकील की मौत के लिए दोषी ठहराया। इसके बाद इस्कॉन टेंपल को बंद कर दिया गया। चिन्मय को सभी पदों से हटा दिया गया। कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिरों पर हमला किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में भी झड़पें हुईं।

First published on: Dec 01, 2024 08:06 AM

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