Iran-Pakistan Tension: पाकिस्तान और ईरान के बीच हुई एयर स्ट्राइक के बाद दोनों के बीच उपजा तनाव खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। 16 जनवरी को ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी गुटों को निशाना बनाते हुए एयरस्ट्राइक की थी, जवाब में 17 जनवरी को पाकिस्तान ने भी ईरान के सिस्तन-बलूचिस्तान इलाके पर मिसाइलें दागी। दोनों देशों के बीच हुई एयर स्ट्राइक की इस अदला-बदली में 9 लोगों की मौत हो गई जिसके बाद ईरान-पाकिस्तान के मंत्री 19 जनवरी को शांति स्थापित करने की अपील करते हुए सहमति बना ली।
हालांकि ऐसा लग रहा है कि ईरान शांत होने के मूड में नहीं है और इस बार एयर स्ट्राइक के बजाय पेनाल्टी स्ट्राइक करने की तैयारी कर रहा है। सरकारी अधिकारियों के हवाले से छपी एक रिपोर्ट के अनुसार ईरान अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता कोर्ट में पाकिस्तान के खिलाफ जाने की तैयारी कर रहा है। दरअसल ईरान और पाकिस्तान के बीच गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट प्रस्तावित है लेकिन इसके पूरा होने में लगातार हो रही देरी को देखते हुए ईरान ये कदम उठा सकता है। ईरान ने पहले ही 180 दिन की डेडलाइन बढ़ा दी है और अब इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का समय सितंबर 2024 तक है। अगर ये प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं होता तो ईरान 18 बिलियन डॉलर के जुर्माने की मांग करेगा।
जुर्माने से बचने का भी दिया है ऑफर
अधिकारियों के अनुसार ईरान ने पाकिस्तान को अपनी कानूनी और तकनीकी टीम भेजने का भी ऑफर दिया है ताकि इस मुद्दे पर एक ऐसी रणनीति बनाई जा सके जिससे दोनों देशों को बिना इंटरनेशनल आर्बिटरेशन कोर्ट गए फायदा मिल सके। इससे पहले ईरान की टेक्निकल और लीगल एक्सपर्टस की टीम 21 जनवरी को पाकिस्तान पहुंचने वाली थी लेकिन दोनों देशों के बीच चल रहे हालिया तनाव को देखते हुए नहीं जा सकी। अब यह टीम फरवरी के दूसरे हफ्ते में पाकिस्तान पहुंच सकती है जहां दोनों पक्ष प्रोजेक्ट को समय रहते पूरा करने की संभावित रणनीति पर काम करेंगे।
#Pakistan and #Iran say they respect each other’s sovereignty and territorial integrity and resolved to expand security cooperation, stepping up efforts to mend ties after tit-for-tat missile strikes, Reuters reports. https://t.co/GMU4FfnLth pic.twitter.com/hjdEUTUb7n
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जानें ईरान ने पाकिस्तान को कब-कब भेजा नोटिस
गौरतलब है कि साल 2014 के बाद से ये प्रोजेक्ट लगातार देरी का सामना करना रहा है और पाकिस्तान को इस मामले में 25 दिन पहले ही आखिरी नोटिस मिला था। ईरान ने पाकिस्तान को नवंबर-दिसंबर 2022 में भेजे गए अपने दूसरे नोटिस में कहा था कि वो अपनी सीमा में ईरान-पाकिस्तान गैसलाइन के कुछ हिस्से का निर्माण फरवरी-मार्च 2024 तक पूरा कर ले वरना 18 बिलियन डॉलर (5,04,160 करोड़ पाकिस्तानी रुपये, करीब 1.50 लाख करोड़ भारतीय रुपये) का जुर्माना भरने को तैयार रहे। इससे पहले तेहरान ने फरवरी 2019 में इस्लामाबाद को गैस लाइन प्रोजेक्ट पूरा न करने के चलते अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता कोर्ट में घसीटने का नोटिस भेजा था।
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आखिर क्यों टाइम पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर रहा पाकिस्तान
ईरान ने गैस सेल्स परचेज एग्रीमेंट (GSPA) के तहत पेनाल्टी क्लॉज को लागू करने की धमकी दी थी जो कि 2009 में साइन की गई थी। इसके तहत अगर प्रोजेक्ट 25 साल में पूरा नहीं हो पाता है तो जीएसपीए के तहत कार्रवाई की जा सकती है। वहीं पाकिस्तान लगातार प्रोजेक्ट को न पूरा कर पाने का ठीकरा अमेरिका की ओर से ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों पर फोड़ता रहा है। इसको लेकर तेहरान ने साफ किया है कि अमेरिकी प्रतिबंध जायज नहीं हैं और हम उसे नहीं मानते हैं। भारत के अलावा इराक-तुर्की भी अमेरिकी प्रतिबंधों में राहत मिलने के बाद से ही ईरान से गैस और पेट्रोलियम पदार्थ खरीद रहे हैं।
जानें क्यों मुश्किल में है पाकिस्तान
दूसरी ओर जब पाकिस्तान ने अमेरिकी अधिकारियों से रियायत के लिए अपील की तो उसे वाशिंगटन की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। आपको बता दें कि जीएसपीए (गैस सेल्स परचेज एग्रीमेंट) पर फ्रांसीसी कानून के तहत हस्ताक्षर किए गए थे और पेरिस स्थित मध्यस्थता कोर्ट दोनों देशों के बीच पैदा होने वाले विवादों को सुलझाने का मंच तय हुआ था। ध्यान देने वाली बात है कि फ्रांसीसी मध्यस्थता कोर्ट अमेरिकी प्रतिबंधों को कोई मान्यता नहीं देती है।