---विज्ञापन---

Maths का पेपर लीक करने के लिए गजब का जुगाड़! आपका भी चकरा जाएगा दिमाग

इंटरनेशनल बैकलॉरिएट डिप्लोमा प्रोग्राम की ओर से आयोजित मैथ परीक्षा का पेपर जिस अनोखे ढंग से लीक हुआ। उसको जानने के बाद हर किसी का दिमाग चकरा जाए। टाइम जोन के हिसाब से पेपर अलग-अलग डेट में हुआ था। भारत में भी हजारों विद्यार्थियों ने पेपर दिया था। करीब 210 स्कूल इस बोर्ड से जुड़े हैं।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: May 6, 2024 14:41
Share :
NEET Paper Leak Result Controversy
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने भी मामले में बड़ा बयान दिया है।

IBDB 12th Exam: समय के साथ धोखाधड़ी के तरीकों में भी बदलाव आ रहा है। ताजा मामला सामने आया है इंटरनेशनल बैकलॉरिएट डिप्लोमा प्रोग्राम (आईबीडीबी) (बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा) में। यहां टाइम जोन नकल का अनोखा उदाहरण देखने को मिला। गणित की दो परीक्षाएं अलग-अलग देशों में थी। एक क्षेत्र, जहां पहले परीक्षा थी, वहां उपस्थित छात्रों ने प्रश्नों को याद कर लिया। परीक्षा देने के बाद सभी प्रश्नों को सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। इससे उन विद्यार्थियों को नकल का मौका मिल गया, जिनकी परीक्षा एक दिन बाद यानी दो मई को थी। भारत की बात करें, तो 210 स्कूल इस बोर्ड से जुड़े हुए हैं।

इनकी अधिकतर संख्या मुंबई, कोलकाता, नई दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई में है। आईबी परीक्षाएं 24 अप्रैल को शुरू हुई थीं। टाइम जोन की बात करें, तो ए एशिया और ऑस्ट्रेलिया से संबंधित है। जोन बी में यूरोप और अफ्रीका आते हैं। जोन सी में अमेरिका को शामिल किया गया है। भारत में सुबह 10 बजे और दोपहर 2.30 बजे परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। पेपर 17 मई को समाप्त होंगे। आईबी लगभग 160 देशों के 5700 स्कूलों को कवर करता है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें:अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा में चूक! कार ने व्हाइट हाउस के गेट को मारी टक्कर, चालक की मौत

दो घंटे की परीक्षा में पेपर लीक होने का पता 3 मई को चला। हैरानी की बात है कि बोर्ड ये तो मान रहा है कि पेपर लीक हुआ था। लेकिन किस देश के छात्रों ने इसे लीक किया, इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं की है। बोर्ड 3 टाइम जोन के हिसाब से परीक्षा लेता है। वहीं, मुंबई के कई स्कूलों के प्रिंसिपल मान रहे हैं कि पेपर को तुर्की से लीक किया गया था। टाइम जोन के हिसाब से पेपर लीक होने का ज्यादा फायदा भारतीय नहीं उठा सके। लेकिन हॉन्गकॉन्ग, यूरोप, अमेरिका और सिंगापुर के बच्चों को लाभ मिला है। ये दावा भी किया गया है। वहीं, पेपर लीक होने के बाद स्विट्जरलैंड के बोर्ड ने इसे 55 साल के इतिहास की पहली घटना बताया है।

---विज्ञापन---

45 हजार से अधिक बार डाउनलोडिंग

आईबी की ओर से कहा गया है कि टाइम जोन नकल में कम ही छात्र मौजूद रहे। वहीं, चौंकाने वाली रिपोर्ट एसएमसीपी ने दी है। जिसमें दावा किया गया है कि परीक्षा सामग्री को 45 हजार से अधिक बार डाउनलोड किया गया है। स्विट्जरलैंड के जिनेवा में ही इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) का मुख्यालय है। 1968 में स्थापना के बाद कहा गया था कि यह एक गैर लाभकारी संगठन के तौर पर काम करेगा। इसको सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व करने वाले गवर्नर्स बोर्ड की ओर से ऑपरेट किया जाता है। बच्चों की आयु के हिसाब से यह कार्यक्रम आयोजित करता है। 3-12 आयुवर्ग के लिए प्राथमिक वर्ष, 11-16 आयु वर्ग के छात्रों के लिए मध्य वर्ष में कार्यक्रम करवाए जाते हैं। वहीं, 16-19 आयु वर्ग के छात्रों के लिए डिप्लोमा और 16-19 आयु वर्ग के लिए करियर संबंधित कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते हैं। परीक्षा के बाद आईबीडीपी प्रश्नपत्र घर ले जाने की अनुमति नहीं है। बोर्ड नकल को गंभीरता से लेता है। माना जा रहा है कि अगर लीक प्रकरण में कोई दोषी मिला, तो उसे भविष्य के लिए बैन किया जा सकता है।

HISTORY

Written By

News24 हिंदी

First published on: May 06, 2024 02:41 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें