IBDB 12th Exam: समय के साथ धोखाधड़ी के तरीकों में भी बदलाव आ रहा है। ताजा मामला सामने आया है इंटरनेशनल बैकलॉरिएट डिप्लोमा प्रोग्राम (आईबीडीबी) (बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा) में। यहां टाइम जोन नकल का अनोखा उदाहरण देखने को मिला। गणित की दो परीक्षाएं अलग-अलग देशों में थी। एक क्षेत्र, जहां पहले परीक्षा थी, वहां उपस्थित छात्रों ने प्रश्नों को याद कर लिया। परीक्षा देने के बाद सभी प्रश्नों को सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। इससे उन विद्यार्थियों को नकल का मौका मिल गया, जिनकी परीक्षा एक दिन बाद यानी दो मई को थी। भारत की बात करें, तो 210 स्कूल इस बोर्ड से जुड़े हुए हैं।
इनकी अधिकतर संख्या मुंबई, कोलकाता, नई दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नई में है। आईबी परीक्षाएं 24 अप्रैल को शुरू हुई थीं। टाइम जोन की बात करें, तो ए एशिया और ऑस्ट्रेलिया से संबंधित है। जोन बी में यूरोप और अफ्रीका आते हैं। जोन सी में अमेरिका को शामिल किया गया है। भारत में सुबह 10 बजे और दोपहर 2.30 बजे परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। पेपर 17 मई को समाप्त होंगे। आईबी लगभग 160 देशों के 5700 स्कूलों को कवर करता है।
दो घंटे की परीक्षा में पेपर लीक होने का पता 3 मई को चला। हैरानी की बात है कि बोर्ड ये तो मान रहा है कि पेपर लीक हुआ था। लेकिन किस देश के छात्रों ने इसे लीक किया, इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं की है। बोर्ड 3 टाइम जोन के हिसाब से परीक्षा लेता है। वहीं, मुंबई के कई स्कूलों के प्रिंसिपल मान रहे हैं कि पेपर को तुर्की से लीक किया गया था। टाइम जोन के हिसाब से पेपर लीक होने का ज्यादा फायदा भारतीय नहीं उठा सके। लेकिन हॉन्गकॉन्ग, यूरोप, अमेरिका और सिंगापुर के बच्चों को लाभ मिला है। ये दावा भी किया गया है। वहीं, पेपर लीक होने के बाद स्विट्जरलैंड के बोर्ड ने इसे 55 साल के इतिहास की पहली घटना बताया है।
Some people are speculating that it was leaked way before the exam started at 10:54 AM
But there is a difference between Zulu time zone and IST
It is a matter of concern for us as a profession and the guilty needs to be punished irrespective of the above fact@CaRANJEET… pic.twitter.com/xpuTNU07di
— CA Akhil Pachori (@akhilpachori) May 3, 2024
45 हजार से अधिक बार डाउनलोडिंग
आईबी की ओर से कहा गया है कि टाइम जोन नकल में कम ही छात्र मौजूद रहे। वहीं, चौंकाने वाली रिपोर्ट एसएमसीपी ने दी है। जिसमें दावा किया गया है कि परीक्षा सामग्री को 45 हजार से अधिक बार डाउनलोड किया गया है। स्विट्जरलैंड के जिनेवा में ही इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (आईबी) का मुख्यालय है। 1968 में स्थापना के बाद कहा गया था कि यह एक गैर लाभकारी संगठन के तौर पर काम करेगा। इसको सांस्कृतिक प्रतिनिधित्व करने वाले गवर्नर्स बोर्ड की ओर से ऑपरेट किया जाता है। बच्चों की आयु के हिसाब से यह कार्यक्रम आयोजित करता है। 3-12 आयुवर्ग के लिए प्राथमिक वर्ष, 11-16 आयु वर्ग के छात्रों के लिए मध्य वर्ष में कार्यक्रम करवाए जाते हैं। वहीं, 16-19 आयु वर्ग के छात्रों के लिए डिप्लोमा और 16-19 आयु वर्ग के लिए करियर संबंधित कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते हैं। परीक्षा के बाद आईबीडीपी प्रश्नपत्र घर ले जाने की अनुमति नहीं है। बोर्ड नकल को गंभीरता से लेता है। माना जा रहा है कि अगर लीक प्रकरण में कोई दोषी मिला, तो उसे भविष्य के लिए बैन किया जा सकता है।