अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। ट्रंप के खिलाफ 4 छात्रों ने एक मुकदमा दायर किए है। केस दायर करने वालों में एक भारतीय छात्र, 2 चीन और एक नेपाल का स्टूडेंट है। अपनी याचिका में चारों छात्रों ने बताया कि एक्सचेंज विजिटर इन्फार्मेशन सिस्टम में उनके एफ-1 वीजा को अचानक गैरकानूनी तरीके से रद्द किया गया है। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन ने उनके इमिग्रेशन को अवैध रूप से समाप्त कर दिया है, जिससे छात्रों को डिपोर्टेशन होने का रिस्क है।
ट्रम्प प्रशासन पर दायर किया मुकदमा
भारत के चिन्मय देवरे मिशिनगन की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले उन 4 छात्रों में शामिल हैं, जिन्होंने शुक्रवार को होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट और इमीग्रेशन ऑफिशियल्स के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। बता दें कि चीनी शिकायतकर्ता का नाम जियांगयुन बु और क्यूई यांग और नेपाली छात्र का नाम योगेश जोशी है।
चारों छात्रों ने यह आरोप लगाए
बता दें कि चारों छात्रों ने आरोप लगाया है कि एक्सचेंज विजिटर इन्फार्मेशन सिस्टम में उनके इमिग्रेशन को नोटिस स्पष्टीकरण के बिना अवैध रूप से समाप्त कर दिया गया था। छात्रों ने यह भी दावा करते हुए बताया कि उनके एफ-1 छात्र वीजा को स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इंफॉर्मेशन सिस्टम (SEVIS) में अचानक और गैरकानूनी तरीके से रद्द कर दिया गया।
स्टडी कम्प्लीट करने की मांग
बता दें कि मुकदमा दायर करके कोर्ट से चारों छात्रों ने पूर्व स्थिति बहाल करने की मांग की गई है, ताकि वे अपनी स्टडी पूरी कर सकें। मिशिगन के अमेरिकन सिविल लिबर्टीज के सहयोग से दायर मुकदमे में कानूनी कार्रवाई जारी रहने तक छात्रों को निर्वासित होने से रोकने के लिए इमरजेंसी इंजक्शन का अनुरोध भी शामिल है।
अमेरिका ने चारों छात्रों पर आरोप नहीं लगाया
कोर्ट ने शिकायत पर सुनवाई करते हुए कहा कि चारों छात्रों में से किसी पर भी अमेरिका किसी भी अपराध पर आरोप नहीं लगाया है। किसी ने भी इस इमीग्रेशन कानून का उल्लंघन नहीं किया है। किसी राजनीतिक मुद्दे को लेकर प्रदर्शन में शामिल भी नहीं रहे हैं। इसमें डीएचएस सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम, एक्टिंग आईसीई डायरेक्टर टॉड लियोन्स और आईसीई डेट्रॉयट फील्ड ऑफिस डायरेक्टर रॉबर्ट लिंच का नाम शामिल है।