भारत और पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच भारत ने 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल के रोलओवर के माध्यम से मालदीव को वित्तीय सहायता प्रदान की। मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने ट्वीट किया, “मैं 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल के रोलओवर के माध्यम से मालदीव को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और भारत सरकार के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। यह समय पर की गई सहायता मालदीव और भारत के बीच मित्रता के घनिष्ठ संबंधों को दर्शाती है और आर्थिक लचीलेपन के लिए राजकोषीय सुधारों को लागू करने के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों का समर्थन करेगी।”
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ल खलील ने इस मौके जमकर भारत सरकार की तारीफ की। उन्होंने एक्स पर लिखा कि मैं भारत सरकार और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिल के रोलओवर के जरिए मालदीव को वित्तीय सहायता प्रदान की। उनका यह कदम मालदीव और भारत के बीच घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है।
India extends financial support to the Maldives through the rollover of the USD 50 million Treasury Bill.
Maldives Foreign Affairs Minister Abdulla Khaleel tweets, “I express my sincere gratitude to EAM Dr S Jaishankar and the Government of India for extending crucial financial… https://t.co/N54JAGC5uD pic.twitter.com/HmKybfFomk
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 12, 2025
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भारतीय उच्चायोग ने इसको लेकर एक बयान भी जारी किया है। जिसमें भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी और भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत महत्वपूर्ण भागीदार बताया। उच्चायोग ने आगे लिखा कि यह एक गर्वमेंट टू गर्वमेंट एग्रीमेंट हैं। मालदीव को यह मदद आपातकालीन वित्तीय स्थिति से निपटने के लिए दी गई है। मालदीव भारत का महत्वपूर्ण मैरिटाइम पड़ोसी है देश की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी का अहम हिस्सा है। बता दें कि साल 2019 से हर साल एसबीआई इस तरह के इंटरेस्ट फ्री कई ट्रेजरी बिल मालदीव को देता है।
बता दें कि भारत ने यह ऋण सहायता मुइज्जू सरकार के कहने पर दी है। बता दें कि मालदीव सरकार के अनुरोध पर भारतीय स्टेट बैंक ने एक और साल के लिए मालदीव के वित्त मंत्रालय की ओर से जारी 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सरकारी ट्रेजरी बिल की सदस्यता ली है।
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