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‘सिर्फ दलाई लामा ही कर सकते हैं अपने उत्तराधिकारी का फैसला…’, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने किया चीन पर पलटवार

केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि दलाई लामा के अलावा कोई भी उनके उत्तराधिकारी का फैसला नहीं कर सकता है। यह बयान उन्होंने तब दिया जब चीन ने दलाई लामा के उत्तराधिकार की योजना का खारिज करते हुए कहा था कि 'उन्हें उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए चीन की मंजूरी जरूरी होगी।'

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jul 3, 2025 16:14
Dalai Lama Succession
दलाई लामा और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

भारत और चीन के बीच 14वें दलाई लामा के उत्तराधिकार को लेकर विवाद गहरा गया है। चीन ने दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना को खारिज करते हुए दावा किया है कि अगले दलाई लामा को उसकी मंजूरी लेनी होगी। वहीं, इस पर भारत के केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला केवल तिब्बती परंपराओं और दलाई लामा की इच्छा के आधार पर होगा, न कि किसी बाहरी हस्तक्षेप से होगा।’

दलाई लामा की घोषणा से बढ़ा विवाद

हाल ही में तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा कि उनकी संस्था निरंतर जारी रहेगी और केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट को ही अगले उत्तराधिकारी को मान्यता देने का अधिकार होगा। इस ट्रस्ट की स्थापना उन्होंने साल 2015 में की थी। यह बयान 6 जुलाई को उनके 90वें जन्मदिन से पहले आया है। दलाई लामा के जन्मदिन पर भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू और राजीव रंजन सिंह, धर्मशाला में आयोजित समारोह में शामिल होंगे।

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केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि दलाई लामा बौद्ध समुदाय के लिए सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक संस्था हैं। उनके उत्तराधिकारी का चयन परंपरागत तरीकों और उनकी व्यक्तिगत इच्छा के अनुसार होना चाहिए। इसके लिए किसी बाहरी ताकत को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है।

उत्तराधिकारी का चयन है आध्यात्मिक प्रक्रिया

चीन ने दलाई लामा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि दलाई लामा के पुनर्जन्म को धार्मिक परंपराओं, ‘स्वर्ण कलश’ प्रक्रिया और चीनी सरकार की मंजूरी का पालन करना होगा। चीन का यह दावा तिब्बती समुदाय और भारत ने अस्वीकार्य किया है, क्योंकि तिब्बती बौद्ध परंपराओं में उत्तराधिकारी का चयन एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसमें बाहरी हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।

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भारत-चीन संबंधों पर पड़ेगा असर

1959 में जब चीनी सेना ने तिब्बत पर कब्जा किया, तब दलाई लामा और हजारों तिब्बतियों को भारत में शरण लेनी पड़ी थी। उस दिन से दलाई लामा धर्मशाला में रह रहे हैं, जो भारत-चीन संबंधों में एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। दलाई लामा के उत्तराधिकार को लेकर चीन का दखल भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।

जन्मदिन समारोह में पहुंचे हॉलीवुड अभिनेता

धर्मशाला में आयोजित हो रहे दलाई लामा के जन्मदिन समारोह में हिस्सा लेने के लिए हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे भी पहुंचे हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि ‘ एक बार मैं दलााई लामा के पास गया, जब मैं बहुत थका हुआ महसूस कर रहा था। मैंने उन परम पावन से पूछा कि क्या मैं अब रुक सकता हूं? उन्होंने कहा कि हां , जब मैं रुकूंगा तब तुम रुक सकते हो, जो कभी नहीं होगा। यह एक जीवनकाल की प्रतिबद्धता नहीं है। यह कई जीवनकाल की प्रतिबद्धता है। न केवल तिब्बत के लिए बल्कि तिब्बत के लोगों के लिए, जिनके साथ चीनी कांग्रेस पार्टी द्वारा कई दशकों से बहुत ही ज्यादा दुर्व्यवहार किया गया है।’

सिर्फ ट्रस्ट को है अधिकार

तिब्बती समुदाय और बौद्ध धर्म की नालंदा परंपरा के अनुयायी दलाई लामा को अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में देखते हैं। उनकी उत्तराधिकार योजना को लेकर तिब्बतियों में भी चर्चाएं तेज हैं। बीते बुधवार को एक बयान में दलाई लामान ने कहा कि ‘भविष्य के दलाई लामा को मान्यता देने की प्रक्रिया 24 सितंबर 2011 के बयान में स्पष्ट रूप से स्थापित की गई है, जिसमें कहा गया है कि ऐसा करने की जिम्मेदारी केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट, परम पावन दलाई लामा के कार्यालय के सदस्यों के पास होगी।’ उन्हें तिब्बती बौद्ध परंपराओं के विभिन्न प्रमुखों और विश्वसनीय शपथबद्ध धर्म रक्षकों से परामर्श करना चाहिए, जो दलाई लामाओं की वंशावली से अविभाज्य रूप से जुड़े हुए हैं। उन्हें पिछली परंपरा के अनुसार खोज और मान्यता की प्रक्रियाओं को पूरा करना चाहिए।’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं दोबारा दोहराता हूं कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट को भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने का एक मात्र अधिकार है, किसी अन्य को इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।’

First published on: Jul 03, 2025 04:14 PM

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