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भारत ने बांग्लादेश को दिया जोर का झटका, ट्रांसशिपमेंट सुविधा रद्द, जानें क्या होगा असर

Bangladesh Transshipment Facility: बांग्लादेश चीन का हितैषी बनने की कोशिश में था, लेकिन भारत ने ट्रांसशिपमेंट सुविधा को रद्द कर उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। आइए जानते हैं इस सुविधा के रद्द होने से क्या-क्या असर पड़ेगा...

Author Edited By : Pushpendra Sharma Updated: Apr 9, 2025 18:04
muhammad yunus bangladesh
मोहम्मद यूनुस।

Bangladesh Transshipment Facility: भारत ने बांग्लादेश को बड़ा झटका दे दिया है। जिससे बांग्लादेश की इकोनॉमी पर डेंट लगने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल, सरकार ने बांग्लादेश को दी जा रही ‘ट्रांसशिपमेंट सुविधा’ को रद्द करने का ऐलान कर दिया है। कहा जा रहा है कि सरकार का ये कदम बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की ओर से चीन का हितैषी बनने के बाद आया है। यूनुस ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पूर्वोत्तर भारत क्षेत्र में चीनी अर्थव्यवस्था के विस्तार की वकालत के साथ ही इसे ‘भूमि से घिरा हुआ’ कहा था।

बता दें कि ‘ट्रांसशिपमेंट सुविधा’ के तहत निर्यात माल को भारतीय भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों (LCS), एयरपोर्ट और बंदरगाहों के जरिए तीसरे देशों तक ले जाया जा सकता था। अब बांग्लादेश इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएगा। जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को एक झटका लगने की उम्मीद है। गौरतलब है कि इस सुविधा को जून 2020 में शुरू किया गया था। जिससे भूटान, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों को बांग्लादेशी निर्यात आसान हो गया था।

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ये होगा असर

कहा जा रहा है कि इस सुविधा को रद्द करने से कई भारतीय निर्यात क्षेत्रों को सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है। इसमें फुटवियर के साथ टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वैलरी शामिल हैं। इन उद्योगों में बांग्लादेश एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बनकर उभरा है। विशेष रूप से टेक्सटाइल के क्षेत्र में वह काफी मजबूत हो रहा है। ऐसे में इस कदम से भारतीय उद्योगों और एक्सपोर्ट को फायदा होगा।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की ओर से कहा गया है कि तत्काल प्रभाव से संशोधित 29 जून, 2020 के परिपत्र को रद्द करने का निर्णय लिया गया है। इसी के साथ CBIC ने कहा कि जो कार्गो भारत में पहले से प्रवेश कर गए हैं, उन्हें परिपत्र में दी गई प्रक्रिया के अनुसार भारतीय क्षेत्र से बाहर जाने की अनुमति दी जा सकती है।

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मुहम्मद युनुस ने क्या कहा था?

मुहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन की चार दिवसीय यात्रा के दौरान एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को ‘भूमि से घिरा हुआ’ कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने बांग्लादेश को इस क्षेत्र का प्रमुख समुद्री प्रवेशद्वार बताया था। इससे पहले वह ढाका को महासागर का एकमात्र संरक्षक बता चुके हैं। उन्होंने चीन से बांग्लादेश में अपनी आर्थिक उपस्थिति बढ़ाने की भी गुजारिश की थी। यूनुस ने कहा था भारत के पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। इसलिए यह एक बड़ी संभावना को खोलता है। यह चीनी अर्थव्यवस्था का विस्तार हो सकता है।

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यूनुस की टिप्पणी की विदेश मंत्री एस जयशंकर आलोचना कर चुके हैं। विदेश मंत्री ने कहा- बंगाल की खाड़ी में हमारी सबसे लंबी तटरेखा है। यह तटरेखा करीब 6,500 किलोमीटर है। भारत न केवल पांच बिम्सटेक सदस्यों के साथ सीमा साझा करता है बल्कि उनमें से ज्यादातर को जोड़ता भी है। इससे भारतीय उपमहाद्वीप और आसियान के बीच भी काफी हद तक संपर्क प्रदान किया जाता है। हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेष रूप से बिम्सटेक के लिए संपर्क केंद्र के रूप में उभर रहा है, जहां सड़कों के साथ ही रेलवे, जलमार्गों, ग्रिडों और पाइपलाइनों का एक लंबा नेटवर्क है।

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Apr 09, 2025 06:00 PM

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