India Canada Row: भारत-कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से ही विवाद चल रहा है। राजनयिक विवाद के बीच कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने घोषणा की कि 41 राजनयिकों को भारत से वापस बुला लिया गया है। कनाडा ने इसके साथ ही राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। हालांकि अब भारत ने इन आरोपों का करारा जवाब दे दिया है।
केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि भारत की ओर से किसी भी अंतरराष्ट्रीय मानदंड का उल्लंघन नहीं किया गया है। विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, ”हम समानता के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में चित्रित करने के किसी भी प्रयास को खारिज करते हैं।”
इसमें आगे कहा गया- “द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति के मुताबिक, भारत में कनाडाई राजनयिकों की बहुत अधिक संख्या है। हमारे आंतरिक मामलों में उनका निरंतर हस्तक्षेप हो रहा है। हालांकि नई दिल्ली पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में समानता की गारंटी देता है।”
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कुछ दिनों पहले ही भारत ने कनाडा के राजनयिकों को 20 अक्टूबर तक का समय दिया था। इसके बाद कनाडा ने अपने 21 राजनयिकों और उनके आश्रितों के वापस बुलाने के लिए कहा था। मेलानी जॉली के अनुसार, कनाडा ने भारत से अपने 41 राजनयिकों और उनके 42 आश्रितों को वापस बुला लिया है।
जॉली के अनुसार, “इम्यूनिटीज राजनयिकों को उस देश में प्रतिशोध या गिरफ्तारी के डर के बिना काम करने देती है। ये कूटनीति का एक बुनियादी सिद्धांत है। वे केवल तभी काम करते हैं जब हर देश नियमों का पालन करता है। राजनयिक विशेषाधिकार को एकतरफा रद्द करना अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत है। यह राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन है। ऐसा करने की धमकी देना तनावपूर्ण और अनुचित है।”