India Canada Diplomatic Row: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की तीन दिन में ही हेकड़ी निकल गई। कनाडाई नागरिक खालिस्तानी आतंकी की मौत के मामले भारत का हाथ होने का आरोप लगाने वाले ट्रूडो के सुर अब बदले-बदले से दिख रहे हैं। पहले वे इस मामले में कोई भी सबूत देने में विफल रहे। अब उन्होंने कहा है कि भारत का वैश्विक लेबल पर प्रभाव बढ़ रहा है। भारत एक ऐसा देश है, जिसके साथ हमें काम करना जारी रखना होगा।
ट्रूडो ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि भारत का कद लगातार बढ़ रहा है। हम भारत को भड़काने या उसके साथ किसी तरह की समस्याएं पैदा करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। ट्रूडो ने भारत सरकार से जांच में सहयोग करने की भी अपील की। कनाडाई पीएम ने कहा कि हम हम भारत सरकार से जांच में सहयोग करने, मामले की सच्चाई को उजागर करने, न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं। जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कुछ दिन पहले जी20 शिखर सम्मेलन से इतर उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सीधी और स्पष्ट बातचीत हुई थी, जहां उन्होंने अपनी चिंताओं को शेयर किया था।
बता दें कि भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था। वह इस साल जून में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोलीबारी में मारा गया था। इस मामले में जस्टिन ट्रूडो ने भारत के हाथ होने का आरोप लगाया था। आरोपों के बाद भारत ने जस्टिन ट्रूडो की ओर से लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। साथ ही मामले में कार्रवाई करते हुए कनाडाई पीएम के आरोप के कुछ घंटों बाद कनाडाई राजनयिक ओलिवियर सिल्वेस्टर को देश से बाहर कर दिया। साथ ही केंद्र सरकार ने ये घोषणा भी की कि कनाडाई नागरिक, चाहे वे किसी भी देश में रह रहे हों, भारतीय वीजा के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे।
ट्रूडो ने दोहराया था अपना आरोप
निज्जर मामले में 18 सितंबर को आरोप लगाने के बाद एक बार जस्टिन ट्रूडो ने गुरुवार को अपना आरोप दोहराया। उन्होंने कहा कि जून में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे। उन्होंने कहा कि ऐसा मानने के विश्वसनीय कारण हैं, लेकिन उन्होंने कोई सबूत नहीं दिया।
आरोपों के बाद भारत ने अपने आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया और देश में काम करने वाले कनाडाई राजनयिकों की संख्या कम करने की मांग की। बता दें कि राजनयिक विवाद मंगलवार को उस समय बढ़ गया जब दोनों देशों ने सीनियर राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और ट्रैवल एडवाइजरी जारी की। साथ ही भारत ने कनाडा में रहने वाले भारतीयों से अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा है।
अमेरिका बोला- हम इस मुद्दे पर भारत और कनाडा के संपर्क में हैं
उधर, अमेरिका ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर भारत और कनाडा दोनों के संपर्क में है और दोनों देश उसके लिए महत्वपूर्ण हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि मामलें में जांच और अपराधियों पर कार्रवाई को लेकर किए जा रहे प्रयासों का अमेरिका समर्थन करता है।
वहीं, भारत में इस मुद्दे पर विपक्षी कांग्रेस ने मोदी सरकार का समर्थन किया है और कहा है कि देश के हितों और चिंताओं को सबसे ऊपर रखा जाना चाहिए। बात दें कि पिछले कुछ महीनों में कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। भारतीय दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन, भारतीय राजनायिकों को धमकी और मंदिरों पर हमले की खबर इनमें प्रमुख हैं।