Elon Musk Neuralink Human Brain Chip Implantation: सोशल नेटवर्किंग साइट X के फाउंडर एलन मस्क की ब्रेन चिप कंपनी न्यूरालिंक ने इंसान के दिमाग में चिप लगा ही दी। खुल एलन मस्क ने इस ह्यूमन ट्रायल के हो जाने की घोषणा की और बताया कि इंप्लांटेशन सक्सेसफुल रहा, जिसके दिमाग में चिप लगाई गई, वह रिकवर हो रहे हैं। अब कंपनी को रिजल्ट नजर आने का इंतजार है।
Elon Musk announces Neuralink’s successful brain implant procedure in first human recipient
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6 साल में नजर आएंगे रिजल्ट
एलन मस्क ने X हैंडल पर पोस्ट में लिखा कि मई 2023 फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से मंजूरी मिलने के बाद कल सोमवार को न्यूरालिंक ने एक इंसान के दिमाग के माइक्रो चिप इंप्लांट की। हालांकि इसके रिजल्ट सामने आने में करीब 6 साल लगेंगे। इस दौरान वह शख्स जिसके दिमाग में चिप लगाई गई है, कंपनी के मेडिकल एक्सपर्ट की देख-रेख में रहेगा। उसका सारा खर्चा कंपनी उठाएगी।
“Even if someone has never had vision ever, like they were born blind, we believe that we can still restore vision”
Neuralink will change lives. 🧠#Neuralink #Ivermectin #WWIII
pic.twitter.com/1oJwVXlB6b— Mississippi Sambo (@MS_Sambo_) January 30, 2024
रोबोटिक सर्जरी करके लगाई गई चिप
मस्क ने बताया कि अगर रिजल्ट वैसे रहे, जैसे सोचे हैं तो इस चिप के जरिए इंसान का दिगाम कंप्यूटर, मोबाइल ऑपरेट करेगा। ब्लाइंड लोग देख सकेंगे। दिमाग वह सभी काम कर पाएगा, जो हाथों-पैरों से किए जाते हैं। दिमाग पूरे शरीर को कंट्रोल कर पाएगा। मस्क ने बताया कि ब्रेन में चिप सर्जरी करके लगाई गई। चिप वहां लगाई गई है, जहां से दिमाग मूवमेंट कंट्रोल करता है। सर्जरी रोबोट के जरिए की गई। चिप को एक यूजर ऐप से कंट्रोल किया जाएगा।
Neuralink will enable people to control their devices such as Computers and Smartphones, simply by using only thoughts, made possible by placing a small and cosmetically invisible implant in part of your brain that plans movements.
Essentially the Neuralink device will convert… pic.twitter.com/edgr7GCnXc— Stephen Musk (Fan) (@Iam_StephenMusk) January 30, 2024
सिक्के जैसा डिवाइस, होकर भी नहीं दिखेगा
मस्क ने बताया कि न्यूरालिंक ने कॉइन के साइज का एक डिवाइस बनाया है, जो कंप्यूटर, मोबाइल या ब्रेन एक्टिविटी को कंट्रोल कर सकता है। इस डिवाइस के ब्रेन में इंप्लांट होने से पैरालाइज्ड इंसान भी कंप्यूटर और फोन का इस्तेमाल कर सकेगा। यह डिवाइस होकर भी नजर नहीं आएगा। यह डिवाइस एक प्रकार के थ्रेड हैं, जो इतने बारीक और लचीले हैं कि हाथों से नहीं पकड़ा जा सकता, इसलिए इन्हें दिमाग में इंप्लांट करने के लिए रोबोट ओर कंट्रोल करने को ऐप बनाया गया।