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अब हाथ नहीं ब्रेन चलाएगा फोन-कंप्यूटर, इंसानी दिमाग में लगी चिप, Elon Musk ने बताया कैसे-क्यों लगाई?

Elon Musk Neuralink First Human Trial: एलन मस्क की कंपनी ने इंसानी दिमाग में चिप लगाने का पहला ट्रायल पूरा कर लिया है। उन्होंने खुद इसके बारे में बताया, जानें क्या है प्लानिंग?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jan 30, 2024 08:00
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Company Neuralink First Human Brain Chip Implantation
एलन मस्क ने चिप के जरिए दिमाग और शरीर को कंट्रोल करने के लिए एक ट्रायल किया है।

Elon Musk Neuralink Human Brain Chip Implantation: सोशल नेटवर्किंग साइट X के फाउंडर एलन मस्क की ब्रेन चिप कंपनी न्यूरालिंक ने इंसान के दिमाग में चिप लगा ही दी। खुल एलन मस्क ने इस ह्यूमन ट्रायल के हो जाने की घोषणा की और बताया कि इंप्लांटेशन सक्सेसफुल रहा, जिसके दिमाग में चिप लगाई गई, वह रिकवर हो रहे हैं। अब कंपनी को रिजल्ट नजर आने का इंतजार है।

 

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6 साल में नजर आएंगे रिजल्ट

एलन मस्क ने X हैंडल पर पोस्ट में लिखा कि मई 2023 फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) से मंजूरी मिलने के बाद कल सोमवार को न्यूरालिंक ने एक इंसान के दिमाग के माइक्रो चिप इंप्लांट की। हालांकि इसके रिजल्ट सामने आने में करीब 6 साल लगेंगे। इस दौरान वह शख्स जिसके दिमाग में चिप लगाई गई है, कंपनी के मेडिकल एक्सपर्ट की देख-रेख में रहेगा। उसका सारा खर्चा कंपनी उठाएगी।

 

रोबोटिक सर्जरी करके लगाई गई चिप

मस्क ने बताया कि अगर रिजल्ट वैसे रहे, जैसे सोचे हैं तो इस चिप के जरिए इंसान का दिगाम कंप्यूटर, मोबाइल ऑपरेट करेगा। ब्लाइंड लोग देख सकेंगे। दिमाग वह सभी काम कर पाएगा, जो हाथों-पैरों से किए जाते हैं। दिमाग पूरे शरीर को कंट्रोल कर पाएगा। मस्क ने बताया कि ब्रेन में चिप सर्जरी करके लगाई गई। चिप वहां लगाई गई है, जहां से दिमाग मूवमेंट कंट्रोल करता है। सर्जरी रोबोट के जरिए की गई। चिप को एक यूजर ऐप से कंट्रोल किया जाएगा।

 

सिक्के जैसा डिवाइस, होकर भी नहीं दिखेगा

मस्क ने बताया कि न्यूरालिंक ने कॉइन के साइज का एक डिवाइस बनाया है, जो कंप्यूटर, मोबाइल या ब्रेन एक्टिविटी को कंट्रोल कर सकता है। इस डिवाइस के ब्रेन में इंप्लांट होने से पैरालाइज्ड इंसान भी कंप्यूटर और फोन का इस्तेमाल कर सकेगा। यह डिवाइस होकर भी नजर नहीं आएगा। यह डिवाइस एक प्रकार के थ्रेड हैं, जो इतने बारीक और लचीले हैं कि हाथों से नहीं पकड़ा जा सकता, इसलिए इन्हें दिमाग में इंप्लांट करने के लिए रोबोट ओर कंट्रोल करने को ऐप बनाया गया।

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Written By

Khushbu Goyal

First published on: Jan 30, 2024 07:48 AM

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