Donald Trump Gaza Peace Plan: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना को हमास ने रिजेक्ट कर दिया है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने शांति योजना को मंजूरी दे दी है. हमास ने योजना को यह कहते हुए रिजेक्ट किया कि इसके लागू होने से उनके अधिकारों का हनन होगा और प्लान में उनके लिए कोई राहत नहीं है, वहीं UNSC ने कहा है कि गाजा पट्टी में इंटरनेशनल स्टैब्लाइजेशन फोर्स (ISF) तैनात होने से सुरक्षा बहाल होगी और हथियार जब्त किए जाएंगे, वहीं हमास निरस्त्रीकरण के प्रावधान से खुश नहीं है.
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हमास ने इसलिए रिजेक्ट किया पीस प्लान
हमास ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के गाजा पीस प्लान को लागू करने के फैसले को खारिज कर दिया है. हमास ने कहा कि गाजा पीस प्लान से उनके अधिकारों की पूर्ति नहीं होती है. वहीं यह प्रस्ताव फिलिस्तीनियों के अधिकारों का हनन करता है और उनकी मांगों को भी अनदेखा करता है. अमेरिकी राष्ट्रपति गाजा पर एक इंटरनेशनल ट्रस्ट थोपने का प्रयास किया जा रहा है. अमेरिका हमास को निरस्त्र करने का प्रयास कर रहा है, जो बिल्कुल मंजूर नहीं है. गाजा में जो अंतर्राष्ट्रीय फोर्स तैनात होगी, उसका मुख्य काम ही हमास को निरस्त्र करना है.
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इजरायल और हमास में हो गया है युद्धविराम
बता दें कि UNSC में जब गाजा पीस प्लान पर सहमति के लिए वोटिंग कराई गई तो रूस और चीन ने विरोध करते हुए वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. वहीं बाकी 13 मेंबर्स ने शांति योजना का समर्थन किया. UNSC के सदस्यों ने गाजा पीस प्लान के उस प्रावधान को खास अहमियत दी, जिसके तहत गाजा में अस्थायी सरकार के तौर पर बोर्ड ऑफ पीस स्थापित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति ट्रंप खुद करेंगे. इजरायल और हमास की 2 साल से चल रही जंग खत्म करवाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा पीस प्लान प्रस्तावित किया था, जिसे दोनों पक्षों ने मंजूरी दे दी थी.
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दोनों पक्षों में हुई थी 2 दौर की शांति वार्ता
गाजा पीस प्लान पर सहमति के दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता हुई थी, जिसके पहले फेज में इजरायल ने गाजा से अपनी सेना हटा ली थी. फिलीस्तीनी बंधकों को रिहा किया था और युद्धविराम का ऐलान किया था. बदले में गाजा ने इजरायली बंधकों को रिहा किया था. मृतकों के शव लौटाए थे और युद्धविराम का ऐलान किया था, लेकिन दूसरे फेज की शांति वार्ता के दौरान गाजा ने निरस्त्रीकरण का विरोध करते हुए प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया, लेकिन अब UNSC की मंजूरी मिलने के बाद गाजा पीस प्लान प्रस्ताव से कानूनी रूप से स्वीकृत अंतराष्ट्रीय अध्यादेश बन गया है.










