नई दिल्ली: हाल ही में हुए 18वें जी20 सम्मेलन में यूक्रेन को नहीं बुलाए जाने की नाराजगी कम होने का नाम ही नहीं ले रही। इसी बीच राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याक के एक बयान ने और बवाल मचा दिया। पोडोल्याक ने कहा है कि भारत के पास बौद्धिक क्षमता नहीं है। हालांकि हमारी सरकार की तरफ से अभी तक इस विवादित बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन इतना तो साफ है कि इस तरह की टिप्पणियां द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी हैं।
G-20 शिखर सम्मेलन में नहीं बुलाया गया था यूक्रेन को
बता देना जरूरी है कि राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 9 और 10 सितंबर को G-20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया। इसमें यूक्रेनी के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भारत की तरफ से निमंत्रण नहीं दिया गया, जबकि पहले हर सम्मेलन में यूक्रेन शामिल होता रहा है। जहां तक इस बार न्यौता नहीं दिए जाने की वजह की बात है, एक तो भारत शुरू से ही रूस-यूक्रेन युद्ध पर तटस्थ है और दूसरा इसी साल अप्रैल में यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय की तरफ से देवी काली की एक विवादित तस्वीर पोस्ट किए जाने को भी इस नाराजगी की वजह माना रहा है।
यह भी पढ़ें: G-20 समिट की सक्सेस से आखिर क्यों दुखी है UKRAIN; 2 वजहें आई सामने, जानिए
उधर, हालांकि G-20 शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा की संभावना जताई जा रही थी। ठीक एक दिन पहले 8 सितंबर को सर्वसम्मति से जारी घोषणा-पत्र में भी रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई का जिक्र भी था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीतियों के कारण रूस की आलोचना से दूरी बनाए जाने के चलते यूक्रेन के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि इसमें गर्व करने जैसा कुछ भी नहीं है।
अब की ये विवादित टिप्पणी
मंगलवार को यूक्रेन राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के सलाहकार मायखाइलो पोडोल्याक ने यूक्रेनी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘भारत और चीन अपने कामों के नतीजों का विश्लेषण नहीं करते हैं। दुर्भाग्य से इन देशों की बौद्धिक क्षमता कमजोर है। हां, वो विज्ञान में निवेश करते हैं। यह सच है कि भारत ने वर्तमान में एक चंद्र रोवर लॉन्च किया है और अब चंद्रमा की सतह पर ट्रैकिंग कर रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह देश पूरी तरह से समझता है कि आधुनिक दुनिया क्या है’।