Murderer Gary Gilmore Capital Punishment Video: चलो इसे करते हैं और बिना किसी खौफ के वह शख्स ‘मौत’ की ओर चल दिया। कुर्सी पर बिठाकर हाथ-पैर बांधे गए और फायरिंग स्कवाड ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया। आज ही के दिन 50 साल पहले 1977 में एक शख्स को सजा-ए-मौत हुई, लेकिन उस शख्स ने इच्छा मृत्यु मांगी, यानी उसे उसकी मर्जी के तरीके से सजा-ए-मौत दी जाए।
एक शख्स की आखिरी ख्वाहिश पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बदला और हत्यारे को इच्छा मृत्यु की परमिशन दी दी। जब हत्यारे ने अपने पक्ष में फैसला सुना तो उसके आखिरी शब्द थे, चलो इसे करते हैं…जो आज दुनिया की मशहूर शू कंपनी Nike की टैगलाइन है। वहीं सजा-ए-मौत का वीडियो बनाया गया, जिसे पूरी दुनिया ने देखा, आप भी देखिए…
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#deathsentence सजा-ए-मौत का लाइव वीडियो! #GaryGilmore जिसे मिली मनचाही मौत, #capitalpunishment pic.twitter.com/vO6rmXujG4
---विज्ञापन---— Khushbu Goyal (@kgoyal466) January 17, 2024
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फायरिंग स्क्वाड द्वारा सजा-ए-मौत दिया जाना चुना
14 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में एंट्री करने वाले गैरी गिल्मोर ने 19 जुलाई 1976 की शाम अमेरिका के यूटा शहर में एक गैस स्टेशन कर्मचारी मैक्स जेन्सेन से लूटपाट की और उसकी हत्या कर दी। अगले दिन 20 जुलाई को उसने प्रोवो में एक मोटल मैनेजर बेनी बुशनेल से लूटपाट करके उसे गोली मार दी।
दोनों मामलों में उसे 1976 में सजा-ए-मौत सुनाई गई थी, लेकिन उसने यह कहते हुए अपने वकीलों को सजा के खिलाफ अपील करने से रोक दिया कि फांसी पर लटकना सम्मान के साथ मरना होगा, लेकिन वह अपने तरीके से मरना चाहता था। इसलिए उसने कानून का फायदा उठाया, लेकिन उसे परमिशन नहीं दी गई।
इसलिए उसने भूख हड़ताल की, जिसे आगे कोर्ट मजबूर हो गई और गिल्मोर को फायरिंग दस्ते द्वारा गोली मारकर सजा-ए-मौत दिए जाने की परमिशन दे दी गई। वहीं अमेरिका में मृत्युदंड पर 10 साल से चली आ रही रोक हटाने के बाद गिल्मोर को दी गई सजा-ए-मौत, देश में पहली सजा-ए-मौत थी।
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इस तरह दी गई गिल्मोर को सजा-ए-मौत
17 जनवरी 1977 को सजा-ए-मौत देने के दौरान जब जज ने पूछा कि क्या उन्हें कुछ कहना है तो गिल्मोर ने कहा कि उसके मुंह को ढका न जाए, वह मौत को आंखों से देखना चाहता है। इसके बाद उसे काला पर्दा लगाकर उसके आगे कुर्सी रखकर उस पर बिठाया गया। गिल्मोर ने शेव की हुई थी। काली टी-शर्ट, नीचे से मुड़ी हुई सफेद रंग की पैंट, सफेद-नीले रंग के स्नीकर्स पहने हुए थे।
उसकी गर्दन, कमर, कलाइयों और पैरों को कुर्सी से बांध दिया गया। 26 फीट की दूरी पर 5 विंडो बनी थी, जिनमें पर्दे के पीछे 5 राइफल मैन थे। इन्होंने गिल्मोर को गोलियों से छलनी कर दिया गया। पांचों ने उसके दिल पर टारगेट किया, जिसमें से 4 गोलियां दिल में लगीं। उसके बाद गिल्मोर का जेल में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस तरह गिल्मोर 10 साल बाद अमेरिका में फांसी पाने वाला पहला कैदी बना।
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