पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान का बुरा हाल है। पाकिस्तान को भारत के हाथों लगातार मुंह की खानी पड़ रही है। गुरुवार को बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने न सिर्फ उसकी कोशिश को नाकाम किया बल्कि पाकिस्तान के तमाम बड़े शहरों को धुआं-धुआं कर दिया। पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले तबा हुआ है। इस देश का हर बच्चा इस वक्त अपने सिर 86.5 हजार रुपये का कर्ज लेकर पैदा होता है। तेल और गैस का इम्पोर्ट बिल हो या सैलरी और सब्सिडी जैसे रोजमर्रा के खर्च, पाकिस्तान की पूरी इकोनॉमी ही कर्ज पर चल रही है। पाकिस्तान सरकार की जून 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय देश पर कुल 256 बिलियन डॉलर यानी करीब 21.6 लाख करोड़ रुपये का सार्वजनिक कर्ज है। ये पाकिस्तान की कुल GDP का 67% है।
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय पार्टनर्स के आगे फैलाए हाथ
पाकिस्तान सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग ने भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद भारी नुकसान का हवाला देते हुए अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से बड़ी मदद मांगी है। यह मांग शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ पाकिस्तान की होने वाली बैठक से पहले की गई है। पाकिस्तान सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग ने कहा, ‘पाकिस्तान सरकार ने भारत द्वारा भारी नुकसान के बाद अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से अधिक ऋण के लिए अपील की है। बढ़ते युद्ध और शेयरों में गिरावट के बीच, हम अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से तनाव कम करने में मदद करने का आग्रह करते हैं। राष्ट्र से दृढ़ रहने का आग्रह किया गया है।’ हालांकि, बाद में अधिकारियों ने अपना रुख बदल लिया। रॉयटर्स के अनुसार, आर्थिक विभाग ने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से अधिक ऋण मांगने वाला ट्वीट पोस्ट नहीं किया है और उसकी तरफ से कहा कि उनका एक्स अकाउंट हैक हो गया है।
Official account of the Ministry of Economic Affairs, Economic Affairs Division – Government of Pakistan posts a tweet, “Govt of Pakistan appeals to International Partners for more loans after heavy losses inflicted by enemy. Amid escalating war and stocks crash, we urge… pic.twitter.com/sPQ4HgL4UW
— ANI (@ANI) May 9, 2025
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कौन देता है पाकिस्तान को कर्ज?
पाकिस्तान कर्ज के लिए सबसे ज्यादा विश्व बैंक और IMF पर निर्भर है। 2023 में पाकिस्तान को IMF से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट मिला था, इसके बाद मार्च 2024 में जलवायु लचीलेपन का समर्थन करने के लिए 1.3 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त राशि मिली थी। लगभग 350 बिलियन डॉलर की मामूली अर्थव्यवस्था वाले देश के लिए ये बड़ी रकम है। इसके अलावा पाकिस्तान एशियन डेवलपमेंट बैंक से भी कर्ज लेता है। 31 दिसंबर, 2024 तक एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) ने 764 लोन, अनुदानों और तकनीकी सहायता पहलों के माध्यम से पाकिस्तान को 43.4 बिलियन डॉलर देने का वादा किया था। इसके वर्तमान सॉवरेन पोर्टफोलियो में 53 लोन और 3 अनुदान शामिल हैं, जिनकी कुल राशि 9.13 बिलियन डॉलर है, जिसमें खैबर पख्तूनख्वा में ग्रामीण सड़क विकास के लिए 320 मिलियन डॉलर का लोन भी शामिल है।
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विश्व बैंक पाकिस्तान का बड़ा सहारा
विश्व बैंक ने इस साल जनवरी में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, निजी क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने जैसे विकास मुद्दों के लिए पाकिस्तान के साथ 20 बिलियन डॉलर के लोन पर समझौता किया है। विश्व बैंक ने 365 परियोजनाओं के लिए पाकिस्तान को 49,663 मिलियन डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है। इनमें खैबर पख्तूनख्वा ग्रामीण सुगम्यता परियोजना, दासू जलविद्युत परियोजना, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम आदि शामिल हैं।
चीन समते कई देश मददगार
- द वर्ल्ड बैंक इंटरनेशनल डेब्ट रिपोर्ट 2024 के मुताबिक, दिसंबर 2024 तक चीन ने पाकिस्तान को 28.7 बिलियन डॉलर यानी करीब 2.42 लाख करोड़ रुपये का विदेशी कर्ज दिया।
- पॉलिसी पर्सपेक्टिव फाउंडेशन (PPF) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2000-2021 तक चीन ने पाकिस्तान को CPEC के तहत सड़कों, बिजलीघरों और बंदरगाहों के लिए बड़े कर्ज दिए।
- इस दौरान 433 प्रोजेक्ट्स के लिए कर्ज लिया गया। लेकिन, पाकिस्तान सरकार चीन से लिए विदेशी कर्ज की पूरी डिटेल्स जारी नहीं करती।
- दिसंबर 2024 तक सऊदी अरब ने 9.16 बिलियन डॉलर, यानी करीब 77.2 हजार करोड़ रुपये कर्ज दिया। पाकिस्तान के कुल विदेशी कर्ज में सऊदी अरब की 7% हिस्सेदारी है।
- दिसंबर 2024 तक IMF ने पाकिस्तान को 7.5 बिलियन डॉलर, यानी करीब 64 हजार करोड़ रुपये कर्ज दिया।
- इसके अलावा पाकिस्तान को कर्ज देने वालों में UAE और कतर की भी बड़ी हिस्सेदारी है।
- इसके अलावा सऊदी अरब से पाक ने 1.49 लाख करोड़ रुपये, जापान से 3.48 लाख करोड़ रुपये, जर्मनी से 91 हजार करोड़ रुपये, फ्रांस से 1.24 लाख करोड़ रुपये और अमेरिका से 83 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर रखा है।
- पाकिस्तान ने ज्यादातर कर्ज वर्ल्ड बैंक से लिया है, जो 30.1 प्रतिशत है। इसके अलावा कर्ज का 5.7 प्रतिशत पाकिस्तान ने IMF से लिया है। साथ ही पाकिस्तान के कर्ज का दूसरा सबसे बड़ा स्त्रोत द्विपक्षीय समझौते हैं, जहां से उसने कुल कर्ज का 19 प्रतिशत लिया हुआ है।
IMF को लेकर भारत का क्या है प्लान?
इस बीच, भारत ने संकेत दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज के बारे में सावधानी बरतने का आग्रह करेगा। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग में कहा कि आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक बैठक के दौरान नई दिल्ली का पक्ष रखेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आईएमएफ बोर्ड को पाकिस्तान के लिए किसी भी बेलआउट को मंजूरी देने से पहले तथ्यों पर सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए।
IMF 1.3 बिलियन डॉलर के ऋण की करेगा समीक्षा
आईएमएफ बोर्ड की बैठक में आईएमएफ समर्थित मौजूदा कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान के आर्थिक प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। इसमें ऋण वितरण, कार्यक्रम विस्तार या नीति समायोजन पर निर्णय लिया जाएगा। पाकिस्तान पिछले साल आईएमएफ से 7 बिलियन डॉलर की बेलआउट फंडिंग हासिल करने में कामयाब रहा था, जिसके बाद मार्च में उसे 1.3 बिलियन डॉलर का नया जलवायु लचीलापन ऋण दिया गया। आईएमएफ आज पाकिस्तान को 1.3 बिलियन डॉलर के ऋण पर चर्चा करेगा।