Dubai resident pays Tribute to India’s first rocket launch: दुबई की सड़क पर साइकिल से फर्राटा भरते हुए एक शख्स का वीडियो सामने आया है। सफेद शर्ट और ग्रे पैंट पहने शख्स ने साइकिल के कैरियर पर रॉकेट नुमा मॉडल बांध रखा है। साइकिल चलाने वाले शख्स का नाम अजमल है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा उसका वीडियो एक साल पुराना है, जो चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद एक बार फिर से सामने है।
1963 की ऐतिहासिक तस्वीर की याद दिलाई
अजमल दुबई में रहते हैं। उन्होंने 1963 की उस तस्वीर की याद में अपनी साइकिल के पीछे रॉकेट जैसा मॉडल रखा था, जिसमें भारत के पहले अंतरिक्ष रॉकेट को केरल के थुंबा से लॉन्च के लिए ले जाया जा रहा था। उन्होंने बड़े गर्व से दुबई में 12 किमी साइकिल चलाई।
53 साल पहले 21 नवंबर 1963 को तिरुवनंतपुरम के बाहरी इलाके थुम्बा से एक छोटे रॉकेट ने उड़ान भरी थी। ताड़ के पेड़ों से घिरा यह गांव जल्द ही थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्च स्टेशन (टीईआरएलएस) के नाम से जाना जाने लगा और बाद में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) बन गया।

India’s first rocket launch in 1963
केरल के रहने वाले हैं अजमल
दुबई में प्रॉड्यूसर अजमल ने कहा, ‘मैं केरलवासी हूं और मैं अपनी धरती और उसके लोगों को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं। नवंबर 1963 में थुम्बा से रॉकेट लॉन्च किया गया था। मैं यह भी उजागर करना चाहता था कि कैसे साइकिलें हमेशा लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग रही हैं, चाहे वह दैनिक गतिविधियों के लिए हो या रॉकेट लॉन्च जैसी इतिहास-बदलने वाली घटनाएं हों।’
देखें VIDEO…
2020 में शुरू हुई थी साइकिल राइड
अजमल 2020 से साइकिल राइड का हिस्सा हैं। वे हर साल अलग-अलग थीम पर साइकिल चलाते हैं। जब साइकिल राइड होती है तो यूएई की सबसे व्यस्त सड़कें एक विशाल साइक्लिंग ट्रैक में बदल जाती हैं, जब हजारों साइकिल चालक साल में एक बार दुबई के सबसे बड़े सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग लेने के अवसर के लिए शेख जायद रोड और शेख मोहम्मद बिन राशिद बुलेवार्ड पर पहुंचते हैं। 2022 में दुबई राइड के तीसरे संस्करण में लगभग 35,000 लोग आए, जिनमें से कुछ 3 साल के बच्चे भी थे।
यह भी पढ़ें: चंद्रमा पर 10 घंटे के लिए लापता हुआ रोवर, ISRO ने फिर ऐसे खोजा, अभी भी 4 बड़ी चुनौतियां